शाह बुधवार को सुबह सवा 11 बजे जैतारण के लिए निकल गए। अब वे गुरुवार को फिर जयपुर आएंगे और मीडिया से भी बात कर सकते हैं। यहां से निम्बाहेड़ा जाएंगे। इसके बाद उदयपुर और फिर दिल्ली जाएंगे। सूत्रों के अनुसार बुधवार को शाह से होटल में कई नेताओं ने मुलाकात भी की है। माना जा रहा है कि शाह प्रदेश के नेताओं से एक-एक सीट का फीडबैक ले रहे है।
पार्टी प्रत्याशियों की किन सीटों पर मजबूती है, किन सीटों पर टक्कर है, कहां-कहां पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही है और उसे कैसे मजबूत किया जा सकता है… उसके लिए दिशा- निर्देश भी दे रहे है। देश में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उनमें भाजपा को राजस्थान से ज्यादा उम्मीद है और वे पांच साल का वनवास दूर करके सत्ता में लौटने के लिए पूरा जोर लगा रहे है।
खासकर जयपुर में पूरी रात तक ठहरने के दौरान शाह सभी प्लान पर भी मंथन कर रहे है। सूत्रों के अनुसार शाह ऐसे निर्दलीय प्रत्याशियों के बारे में भी पूरा फीडबैक ले रहे है जो कांग्रेस या भाजपा के बागी बनकर चुनाव में उतरे और वे मजबूत स्थिति में है। वहीं अन्य दलों के मजबूत प्रत्याशियों पर भी नजर रखे हैं जो समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
पार्टी अपना यह प्लान भी बनाकर चल रही है कि यदि किसी भी दल को पूरा बहुमत नहीं मिल पाता है तो ऐसे में जीते हुए निर्दलीय या अन्य दलों के विधायकों की सरकार बनाने के लिए भूमिका महत्वपूर्ण हाे जाएगी। इसलिए सारी कवायद अभी से की जा रही है।
कांग्रेस के बड़े चेहरों की सीट पर नजर
सूत्रों के अनुसार शाह ने कांग्रेस के बडे़ चेहरों की सीटों का पूरा फीडबैक लिया है और हर समीकरण को लेकर प्रदेश के नेताओं से भी बातचीत की है। वहीं, शाह ने मंगलवार को जयपुर में पीएम नरेन्द्र मोदी के रोड शो के बाद जयपुर की सीटों के माहौल की भी जानकारी ली है। पार्टी ने पहली बार जयपुर में पीएम का रोड शो कराया है और इसी से साफ हो जाता है कि पार्टी राजधानी की सीटों को जीतने के लिए कितनी ताकत लगा रही है। गौरतलब है कि भाजपा ने जयपुर की सीटों पर अधिकतर नए चेहरे उतारे हैं।