उपचुनाव वाली सातों सीटें प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ी हैं। इन सीटों में से पिछले चुनाव में 4 पर कांग्रेस, तो एक-एक पर भाजपा, आरएलपी और बीएपी का कब्जा था। देवली-उनियारा सीट से कांग्रेस के हरीश मीना, दौसा से मुरारीलाल मीणा, झुंझुनूं से बृजेंद्र सिंह ओला, खींवसर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल और चौरासी विधानसभा सीट से बीएपी विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने से सीटें खाली हुई थीं। सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन होने की वजह से सीट खाली हुई है।
कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
राजस्थान उपचुनाव के परिणाम को लेकर सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं बल्कि कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर सचिन पायलट और किरोड़ीलाल मीणा जैसे नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर इन परिणामों का असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए उपचुनाव एक चुनौती के समान है। चूंकि विधानसभा 2023 के चुनाव के समय इन सात सीटों में मात्र एक सीट ही भाजपा जीती। अगर भाजपा इस बार सीटें बढ़ाने में कामयाब होती है तो मुख्यमंत्री शर्मा का कद और मजबूत होगा।