दरअसल, टिकटों की घोषणा के बाद से ही भाजपा में बगावत और मान-मनुहार का दौर जारी है। मजबूत बागियों को मनाने के लिए सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कमान संभाल रखी है। कुछ सीटों पर बागियों को मनाने का दावा है तो कुछ पर डैमेज कंट्रोल चल रहा है।
डैमेज कंट्रोल की सीएम ने संभाली कमान
बता दें, इन चुनावों में सीएम भजनलाल शर्मा की सांख पर दांव पर लगी है। क्योंकि मुख्यमंत्री का पद संभालने के 10 माह बाद पहला उपचुनाव होने जा रहा है। सरकार के लिए एक तरह से ये लिटमस टेस्ट की तरह ही है। ऐसे में उप चुनाव के परिणाम से सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा भी होगा। इसलिए सीएम भजनलाल शर्मा ने खुद ही चुनावी कमान संभाल ली है। यह भी पढ़ें
जोगाराम पटेल बोले- कांग्रेस में अंतर्कलह…जानबूझकर पायलट का नाम नहीं लिया, खर्रा ने किया ये बड़ा दावा
इस कड़ी में सीएम ने नाराज नेताओं का मना रहे है। टिकट नहीं मिलने से नाराज नरेंद्र मीणा से मुलाकात करके उनकी नाराजगी को दूर कर दिया। सीएम से मुलाकात के बाद नरेंद्र मीणा ने कहा कि मैं पार्टी के प्रति समर्पित हूं और पूरी तरह जी तोड़ मेहनत कर पार्टी की प्रत्याशी को जिताएंगे। बता दें सलूंबर से टिकट नहीं मिलने पर दावेदार नरेंद्र मीणा रविवार को अपने समर्थकों के बीच पहुंचे थे और अपने भाषण के दौरान फूट-फूट कर रोने लगे थे।सीएम ने बनाई ये रणनीति
टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी नेताओं के लिए सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मिलकर तय किया है कि सभी सीटों पर प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी हर सीट पर एक भी बागी नहीं रहे इसका टास्क दिया है। इसके लिए झुंझुनूं में प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, देवली-उनियारा में मंत्री हीरालाल नागर और रामगढ़ में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म को ये जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी पर्दे के पीछे से बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह भी पढ़ें