भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर शाम पौने छह बजे राजस्थान कोर ग्रुप की मीटिंग शुरू हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, राजेंद्र राठौड़ सहित प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और राज्य प्रभारी अरूण सिंह ने हिस्सा लिया। कोर ग्रुप की मीटिंग में राज्य के सभी हिस्सों और वर्गों को मंत्रिपरिषद में भागीदारी देने पर मंथन हुआ। कोर ग्रुप के सदस्यों ने अपने पसंदीदा नामों की दावेदारी में कारण भी गिनाए। सूत्रों ने बताया कि यों तो राज्य में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री बनने के बाद 27 मंत्रियों की गुंजाइश है, इनमें से करीब 15 नामों पर सहमति बनी है।
चर्चा है कि राजस्थान में कुछ विधायकों को छोड़ ज्यादातर विधायक 60 साल से कम उम्र के ही मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति बनी है। ताकि पहली बार कुर्सी पाने वाले मुख्यमंत्रियों को सरकार चलाने में दिक्कत न हो और ना ही सहयोगियों को दिशा निर्देश देने में उन्हें असहज होना पड़े। नए चेहरे रहेंगे तो उनकी नए मुख्यमंत्रियों के साथ ट्यूनिंग बैठाने में भी आसानी होगी। इन सभी पहलूओं को देखते हुए मंत्रियों की सूची को नेतृत्व ने जांच परखकर क्लियर कर दिया है। अब किसी भी दिन मंत्रियों की शपथ हो सकती है। जिस तरह से 60 साल से कम उम्र के तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने पीढ़ी परिवर्तन की शुरुआत की, उसी तर्ज पर अब नए चेहरों से लैस मंत्रिमंडल भी बनाने की चर्चा हुई है।
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बैठक से पहले राष्टपति और बड़े नेताओं की मुलाकात
शपथ लेने के बाद पहली बार दिल्ली दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दोनों उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने बैठक से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व अन्य नेताओं से शिष्टाचार मुलाकात की।
इधर मंत्री बनने को विधायक लॉबिंग में जुटे
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद जल्द मंत्रिमंडल विस्तार को देखते हुए प्रदेश के कई विधायक लॉबिंग में जुट गए हैं। इसके लिए जयपुर से दिल्ली तक दौड़ लगाई जा रही है। कुछ विधायक संघ के नेताओं से भी संपर्क साध रहे हैं ताकि वहां से मंत्री बनने के लिए सिफारिश कराई जा सके, तो कई विधायक दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार वरिष्ठ विधायकों के साथ नए चेहरों को ज्यादा शामिल किया जा सकता है। इसमें जातिगत संतुलन रखा जाएगा, ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। पार्टी ने जिस तरीके से पहली बार के विधायक को मुख्यमंत्री का पद दिया है इससे पार्टी के पहली बार जीतकर आए विधायकों में उत्साह है।
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इसी सप्ताह हो सकती है मंत्रियों की शपथ
मंत्रियों की शपथ इसी सप्ताह हो सकती है। इसमें बुधवार की सबसे ज्यादा संभावना है। जिस तरह से 60 साल से कम उम्र के तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने पीढ़ी परिवर्तन की शुरुआत की, उसी तर्ज पर अब नए चेहरों से लैस मंत्रिमंडल भी बनाने की चर्चा हुई है।