राजस्थान सरकार दो साल पहले टेस्ला कंपनी को यहां निवेश करने के लिए न्योता दे चुकी है और एक बार फिर कंपनी से संपर्क किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (बीआईपी) को दी गई है। इसके लिए निवेश की ‘जमीन’ तैयार की जा रही है, ताकि कंपनी को आसानी से समझाया जा सके कि यहां आना उसके लिए कितना फायदेमंद है।
निवेश के लिए इस तरह सहुलियतें
-ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए इंडस्ट्रियल और तकनीकी क्षेत्र में शिक्षित युवाओं की उपलब्धता, क्योंकि यहां 500 से ज्यादा आईटीआई और पॉलीटेक्निक शैक्षणिक संस्थान हैं।
-होंडा कार, होंडा मोटरसाइकिल-स्कूटर, जेसीबी अर्थमूवर्स, हीरो मोटरसाइकिल सहित बड़ी ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियां प्रोडक्शन कर रही हैं। 100 से ज्यादा कंपनियां हैं।
– यहां ऑटोमोेबाइल कंपोनेंट मेन्यूफैक्चर्स, प्रोड्यूसिंग ट्रांसमिशन एण्ड स्टेयरिंग सिस्टम, सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम, टायर, इलेक्ट्रिक पार्ट, क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम का मजबूत इकोसिस्टम है।
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दो बड़े निवेश क्षेत्र हो रहे डवलप
– खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र तैयार किया जा रहा। इसका एरिया 558 हेक्टेयर है।
– जोधपुर-पाली-मारवाड़ स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन बनाने का काम शुरू। यह प्रोजेक्ट 3100 हेक्टेयर में फैला होगा।
– दो इकोनॉमिक कॉरिडोर यहां से गुजर रहे हैं।
– दिल्ली-बेंगलूरु एक्सप्रेस-वे बनना प्रस्तावित है।
कंपनियों को चाहिए पोर्ट, वह भी आ रहा जद में
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहा है, जिसकी लंबाई 1483 किलोमीटर है। यह उत्तरप्रदेश से महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक जाएगा। इसमें दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान,गुजरात भी शामिल है। इसका अधिकतम 38 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से ही गुजर रहा है। इसकी लंबाई करीब 567 किलोमीटर है। इससे राजस्थान से सबसे नजदीक गुजरात के कांडला पोर्ट के बीच की दूर कम समय में पूरी हो सकेगी।
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हमारे पास अलग ईवी जोन भी
रीका ने डेढ़-दो साल पहले भिवाड़ी के कारोली में इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफेक्चरिंग जोन तैयार किया है। यहां 49 भूखंड हैं, जिसमें से 42 भूखंड का आवंटन हो गया है। 14 फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो चुका है। सात भूखंड खाली हैं। यह औद्योगिक क्षेत्र 121 एकड़ में फैला हुआ है। इस जोन में ईवी दोपहिया वाहनों का भी उत्पादन हो रहा है।
अब डबल इंजन की सरकार पर दाराेमदार
वर्ष 2021 में राज्य सरकार ने टेस्ला कंपनी को राजस्थान आने का बुलावा भेजा था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने तर्क दिया था कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई, जबकि उन्हें भी पत्राचार करने के लिए कहा गया था। अभी केन्द्र और राज्य दोनों जगह भाजपा सरकार है। डबल इंजन की सरकार से उम्मीद है कि टेस्ला जैसी कंपनियों को यहां लाएं। हालांकि, लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद स्थिति साफ होगी।