अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में राजेन्द्र राठौड़ (
Rajendra Rathore ) के शामिल होने और उसमें हुई चर्चा की याद दिलाई। इस नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (
Gulab Chand Kataria ) बीच में बोले तो जोशी का पारा चढ़ गया और उन्होंने कहा कि क्या में सदन (
Rajasthan Vidhansabha ) में असत्य बोल रहा हूं, मुझे झूठा साबित करने का प्रयास न करें। क्या आपको अपने उपनेता पर ज्यादा विश्वास है। जोशी की इस बात के बाद कटारिया और राठौड़ दोनों बैठ गए। इससे पहले उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने पूरक प्रश्न पर अन्य सदस्यों को भी शामिल करने की बात दोहराई तो जोशी ने उन्हें बिना अनुमति नहीं बोलने की हिदायत दी। हालांकि गतिरोध के चलते प्रश्नकाल में भाजपा विधायक मौन रहे। भाजपा के 16 विधायकों के सूचीबद्ध सवालों के भी जवाब नहीं आ पाए। ऐसे में 10 सवालों पर ही चर्चा हुई।
-अध्यक्ष सी.पी. जोशी : प्रश्नकाल से पहले अध्यक्ष ने नियम 31 से अवगत कराया और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें इसके लिए यह जरूरी है कि हम सहयोग करें। मुझे पता है कि मैंने कठिन निर्णय लिए, लेकिन आज सदन काफी ठीक तरीके से चल रहा है। इस सत्र में जो निर्णय लिए हैं उनको प्रभावशाली करने में आप मदद करें।
-नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया : इसमें कोई दो राय नहीं है कि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न आने चाहिए। जब सालों से यह परंपरा चली आ रही है तो अन्य विधायकों को भी पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार मिलना चाहिए।
-अध्यक्ष जोशी : हाथ में कानून की किताब लेकर आसन से खड़े हुए, कहा- ये कानून मैंने तो नहीं बनाए। हो सकता परंपराएं टूट रही हो लेकिन मैं कानून के हिसाब से काम करूंगा। मैंने सदन शुरू होने से पहले सभी दलों की मीटिंग बुलाई। उसमें राजेंद्र राठौड भी आए थे। उसमें मैंने कहा था कि सदन चलाने के लिए दो पूरक प्रश्न हो सकेंगे।
-शांति धारीवाल (
Shanti Dhariwal )
, संसदीय कार्य मंत्री– इस बीच धारीवाल बोले, यह सही है कि अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सदन नियमों के तहत चलाना चाहता हूं। सदन में स्पीकर की रूलिंग को कोई चैलेंज नहीं कर सकता।
-नेता प्रतिपक्ष कटारिया : सर्वदलीय बैठक में मैं नहीं था । -जोशी : आसन से खड़े हुए और कहा कि इसका मतलब में असत्य बोल रहा हूं। क्या आपको उप नेता ज्यादा विश्वास है।