डीडवाना विधानसभा सीट से इस बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे युनूस खान ने संस्कृत भाषा में शपथ लेकर सभी को चौंकाया। युनूस पहले भाजपा से विधायक और वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टोंक सीट से सचिन पायलट ने शिकस्त दी थी। इसी तरह से अलवर के रामगढ़ से जीतकर आये कांग्रेस विधायक जुबेर खान ने भी संस्कृत में शपथ ग्रहण की। गहलोत सरकार में जुबेर की पत्नी सफिया जुबेर खान विधायक रही थीं। यूनुस और जुबेर के इस अंदाज़ को सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने अपनी मेज़ थपथपाकर सराहा।
जुबेर जीते, नहीं बनी कांग्रेस सरकार
जुबेर खान के साथ एक अजब संयोग भी जुड़ा हुआ है। जुबेर जब भी विधायक बने, तब कांग्रेस की सरकार नहीं बनी। इस बार भी यही संयोग देखने को मिला है। रामगढ़ से पहले भी जब जुबेर जीते, तब ऐसा संयोग देखने को मिला है।
राजस्थानी भाषा में शपथ पर आपत्ति
पहली बार सदन पहुंचे विधायक अंशुमान भाटी ने राजस्थानी भाषा में शपथ ली तो प्रोटेम स्पीकर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आठवीं अनुसूची में राजस्थानी को मान्यता नहीं मिली है, इसलिए आप इस अनुसूची में शामिल किसी अन्य भाषा में शपथ ले सकते हैं। इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने चुटकी ली और कहा कि अब तो डबल इंजन की सरकार बन चुकी है, इसलिए राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाओ।