80 राजनीतिक दलों ने उतारे उम्मीदवार, 737 निर्दलीय
इन्होंने कांग्रेस का पकड़ा हाथ: भाजपा का दामन छुड़ाकर कांग्रेस का हाथ पकड़ने वाले नेता भी हैं। इनमें किशनगढ़ से विकास चौधरी हैं, जो प्रियंका गांधी की सभा में कांग्रेस में शामिल हुए थे। भाजपा ने इनका टिकट काटकर सांसद भागीरथ चौधरी को दिया है। इनके अलावा ममता शर्मा, साध्वी अनादि सरस्वती भी शामिल हैं, हालांकि टिकट नहीं मिला।
आईपीएस हरिप्रसाद शर्मा: चुनाव लड़ने के लिए सेवानिवृत्त आईपीएस हरिप्रसाद शर्मा ने कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। शर्मा फुलेरा से कांग्रेस का टिकट चाह रहे थे। उन्होंने पद छोड़ते ही क्षेत्र में जनसम्पर्क भी जोरों से शुरू कर दिया। पहले की तरह इस बार भी पार्टी ने उनकी दावेदारी को स्वीकार नहीं किया।
आईपीएस जसवंत संपतराम : सेवानिवृत्त आईपीएस जसवंत सम्पतराम ने राजनीतिक क्षेत्र में सक्रियता भाजपा के सदस्य के रूप में बढ़ाई। वे अलवर क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाह रहे थे। पार्टी में सक्रियता के बावजूद उन्हें टिकट न मिला। इन चुनाव में उनके भाई अशोक सम्पतराम की पत्नी बसपा से किशनगढ़बास से चुनाव लड़ रही हैं।
आईएएस नन्नूमल पहाड़िया : सेवानिवृत्त आईएएस नन्नूमल पहाड़िया ने टिकट के लिए भाजपा में सक्रियता बढ़ाई। इसके लिए वे दिल्ली में भाजपा के बड़े नेताओं के सम्पर्क में थे। भाजपा से टिकट नहीं मिलता देख अंतिम समय में अन्य पार्टियों से टिकट के प्रयास किए। वे अलवर में कलक्टर रहते एसीबी में गिरफ्तार हुए थे।
जगरूप सिंह यादव : कांग्रेस सरकार के समय ही जयपुर कलक्टर रहे जगरूप सिंह यादव भी चुनाव लड़ना चाह रहे थे। उन्होंने भी कांग्रेस से टिकट पाने के खूब जतन किए। अलवर की एक सीट से टिकट के लिए उन्होंने कांग्रेस के पदाधिकारियों को सामान्य कार्यकर्ता की तरह आवेदन भी पेश किया, लेकिन बात आगे न बढ़ी।
आईएएस अंतर सिंह नेहरा: चुनाव के लिए नौकरी छोड़ने पर आईएएस अंतर सिंह नेहरा चर्चा में आए थे। उन्होंने जयपुर संभागीय आयुक्त रहते वीआरएस लिया। उनके पहले कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। वहां बात नहीं बनी तो भाजपा का दामन थामा। हालांकि उनका नाम भाजपा की भी किसी लिस्ट में नहीं आया।
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आर्य सहित तीन नए अधिकारी मैदान में
पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य के अलावा पूर्व आईएएस चंद्र मोहन मीना व शिक्षा अधिकारी रहे पितराम काला इस चुनावी दंगल में उतरे हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त आईपीएस हरीशचंद्र मीना, लक्ष्मण मीना व आयकर अधिकारी रहे ओमप्रकाश हुड़ला पहले से राजनीति में हैं जो इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं।