राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: उम्मीदवारों को सोशल मीडिया का सहारा लेना न पड़ जाए भारी
टिकट नहीं मिलने पर मायूसी, समर्थकों में नाराजगी
अंतिम सूची जारी हुई तो सूची में चंद्र मनोहर बटवाड़ा का नाम था। सोमवार को पूरा समय घर पर ही बीता। हालांकि कुछ वक्त पूजा-पाठ के लिए भी निकाला। समर्थकों का कहना है कि टिकट का आश्वासन दिया गया था। इससे पूर्व सूची जारी होने के बाद ज्योति खंडेलवाल ने सोशल मीडिया पर भी अपना दर्द जाहिर किया था। गौरतलब है कि ज्योति खंडेलवाल ने कांग्रेस में किशनपोल, हवामहल और विद्याधर नगर से टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन किशनपोल से अमीन कागजी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
टिकट की उम्मीद थी, पार्टी का फैसला मान्य
कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पंडित सुरेश मिश्रा को भी टिकट नहीं दिया गया है। मिश्रा को हवामहल और सिविल लाइंस से प्रत्याशी बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन हवामहल सीट से बालमुकुंदाचार्य और सिविल लाइंस में गोपाल शर्मा को प्रत्याशी बना गया है। अंतिम सूची में नाम नहीं होने से समर्थकों में निराशा दिखी। अपने आवास पर आए समर्थकों के साथ बैठक की।
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हालांकि पंडित सुरेश मिश्रा का कहना है कि सिविल लाइंस से टिकट की उम्मीद थी लेकिन पार्टी का फैसला मान्य है। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। मैं तो पूरे प्रदेश में ब्राह्मण समाज के लिए काम करता हूं। पार्टी जहां चाहे वहां मेरा उपयोग कर सकती है। सांगानेर, सिविल लाइंस और हवामहल में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार कर रहा हूं। सुरेश मिश्रा कांग्रेस के टिकट पर साल 2008 में सांगानेर से चुनाव लड़ चुके हैं। वे वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री थे। उन्हें सचिन पायलट का करीबी माना जाता है।