दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई ममता शर्मा को भी संकल्प पत्र समिति में सदस्य बनाया गया था। लेकिन पिछले दिनों ही ममता शर्मा ने वापस कांग्रेस जॉइन कर ली। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संकल्प पत्र का ड्राफ्ट पहले ही तैयार हो गया था, इस वजह से नाम को नहीं हटाया गया। वहीं पार्टी के कुछ लोग इसे बड़ी भूल मान रहे हैं।
भाजपा ने दिया था ममता को टिकट, मर हार गई
टिकट नहीं मिलने पर ममता शर्मा ने 2018 में भाजपा जॉइन की थी। उन्हें भाजपा ने पीपल्दा से टिकट दिया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस के रामनारायण मीणा से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने राजस्थान के झुंझुनू में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की सभा में पहुंचकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली है। दो बार विधायक तथा महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही ममता शर्मा के ससुर बृजसुंदर शर्मा मंत्री रहे और पूर्व मंत्री हरिकुमार औदिच्य के परिवार से आती है।
Rajasthan Election: नड्डा का हमला, कहा-इन पांच कामों से गहलोत सरकार की पहचान
संकल्प पत्र समिति में ये लोग भी शामिल
समिति में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, सह-संयोजक राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री व पूर्व विधायक अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, प्रभुलाल सैनी और राखी राठौड़ शामिल है।