भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गहलोत सरकार पर एक बार फिर तीखे प्रहार किए हैं। राजस्थान में प्रदेश भाजपा का एक चुनावी अभियान लॉन्च करने जयपुर आने से पहले उन्होंने एक के बाद एक 6 बयान जारी किए। इन्हें भाजपा राजस्थान के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से हैश टैग आपणो राजस्थान संकल्प कैंपेन के ज़रिए जारी किया गया। इन बयानों से नड्डा ने राज्य सरकार को पूरी तरह से फेल बताया। साथ ही पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए राजस्थान में सरकार भाजपा बनने का दावा किया।
पहला ‘वार’-
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क़ानून व्यवस्था मुद्दे पर पहला वार किया। उन्होंने कहा, ‘NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान महिलाओं के खिलाफ हो रहे दुष्कर्म के मामलों में नंबर-1 पर खड़ा है, यहां महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है। सिर्फ परिवारों को बचाने के लिए वोट के खातिर काम कर रहे हैं।’
दूसरा ‘वार’-
नड्डा का अगला वार केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन योजना की राजस्थान में स्थिति को लेकर रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को देश में सबसे ज्यादा पैसा दिया गया। लेकिन काम की बात की जाए तो राजस्थान पूरे देश में 29वें नंबर पर है।
तीसरा ‘वार’-
नड्डा ने पीएम मोदी का ज़िक्र करके भी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब-जब भी दुनिया में मोदी जी की तारीफ होती है, तो यहां कांग्रेस के पेट में मरोड़ होती है। कांग्रेसी कहते हैं कि मोदी बिच्छू है, मोदी सांप है, मोदी चाय बेचने वाला है। लेकिन देश की 140 करोड़ जनता का आशीर्वाद मोदी जी के साथ है।
चौथा ‘वार’-
नड्डा ने अपने चौथे बयानी वार में भी प्रधानमंत्री के नाम का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ सरकार ही नहीं चलाई, ना ही सिर्फ देश को आगे ही बढ़ाया है बल्कि मोदी ने देश में राजनीति की संस्कृति को बदला है।
पांचवां ‘वार’-
नड्डा ने एक बयान में राजस्थान में भ्रष्टाचार का मसला भी उठाया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार है। इन्होंने अपने एक-एक विधायक को भ्रष्टाचार का खुला लाइसेंस दे रखा है और यहां भ्रष्टाचार खुले तरीके से हो रहा है।
छठा ‘वार’
नड्डा का छठा और अंतिम बयानी वार रहा हेल्थ सेक्टर के मुद्दे पर। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 50 करोड़ लोगों को हर साल गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए 5 लाख रुपये तक का हेल्थ कवर दिया। ये हेल्थ कवर जाति के आधार पर नहीं, गरीबी के आधार पर दिया गया है।