Rajasthan Politics : जयपुर। राजस्थान में आगामी कुछ माह में कांग्रेस-भाजपा का फिर विधानसभा उप चुनाव में आमना-सामना होगा। पांच विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा सीटें रिक्त हो गई है। सभी पांच विधानसभा सीट इंडी गठबंधन की है। इनमें तीन कांग्रेस और आरएलपी-बीएपी विधायकों के सांसद बनने से रिक्त हो गई है। इन विधानसभा सीटों को इंडी गठबंधन फिर से जीतने के लिए प्रयास करेगा। वहीं, प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा के लिए भी यह चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इससे पता चलेगा कि वही पुराना ढर्रा बरकरार रहेगा या भाजपा सरकार ने प्रदेश में बढ़त बना ली है। जब तक चुनाव होंगे, उस समय तक सरकार को भी लगभग एक साल पूरा होने को होगा।
लोकसभा चुनाव में हाल ही इंडी गठबंधन ने
राजस्थान में 25 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें 8 सीटें कांग्रेस और 3 सीटें सहयोगी दलों को मिली है। जबकि भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव से सभी 25 सीटें जीतती आ रही थी। 11 सीटें इंडी गठबंधन के जीतने से विपक्ष का प्रदेश में मनोवल बढ़ा है। वहीं, सत्ताधारी दल को हार से धक्का लगा है। अब विधानसभा चुनाव में फिर तय होगा कि प्रदेश की जनता का मूड क्या है।
यह भी तय होगा-गठबंधन कायम रहेगा या टूटेगा रिश्ता
लोकसभा चुनाव की जीत के बाद आ रहे बयानों से अलग-अलग रास्ते अभी से नजर आने लगे हैं। ऐसे में इंडी गठबंधन को बनाए रखने की कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। खींवसर सीट से रालोपा विधायक हनुमान बेनीवाल थे और अब वे नागौर से सांसद चुने गए हैं। वहीं, डूंगरपुर के चौरासी से भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक राजकुमार रोत हैं और वे डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट से सांसद बने हैं। अब तय होगा विधानसभा उप चुनाव में भी गठबंधन कायम रहेगा या रास्ते अलग-अलग होंगे। कांग्रेस पर दोनों सीटें रालोपा और बीएपी के लिए छोड़ने का दबाव रहेगा।
कांग्रेस का मजबूत गढ़ झुंझुनूं सीट
कांग्रेस के सामने झुंझुनूं विस सीट को बचाना भी बड़ी चुनौती होगी। यह सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। झुंझुनूं क्षेत्र से सांसद चुने गए बृजेंद्र ओला लगातार यहां से चार बार विधायक बने हैं।
10 साल बाद कांग्रेस सांसद पहुंचे लोकसभा
कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2014 व 2019 में सभी 25 सीटें हारने के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में इंडी गठबंधन के तहत 11 सीटें जीती हैं। इसमें कांग्रेस को 8, बीएपी, आरएलपी और माकपा को एक-एक सीट मिली है।
निकाय-पंचायत चुनावों पर असर
प्रदेश की जिन पांच सीटों पर विधानसभा उप चुनाव होना है, उन सभी पर इंडी गठबंधन की मजबूत पकड़ है। इस विधानसभा चुनाव से पहले भी इन सीटों पर इंडी गठबंधन का ही कब्जा था। इनमें कांग्रेस झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा में लगातार दो बार से ज्यादा समय से जीत रही है। वहीं, खींवसर आरएलपी और चौरासी में बीएपी का ही कब्जा रहा है। इन हालात में भाजपा को यहां खाता खोलने लिए पूरी ताकत लगानी होगी। इन सीटों की जीत हार से राज्य की सत्ता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर जरूर फर्क पड़ेगा। इसका फायदा पार्टी को नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में मिलेगा।