छात्र हित में INC की सूची में शामिल होने की प्रक्रिया कर रहे पूरी
स्वयं राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान
विश्वविद्यालय के नर्सिंग कॉलेज और राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के अधीन संचालित राजकीय नर्सिंग कॉलेज सहित राज्य के 80 प्रतिशत निजी संस्थान छात्र हित में आइएनसी की सूची में शामिल होने की प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं। जबकि इसी विश्वविद्यालय के अधीन कुछ निजी संस्थानों को इस आवश्यकता से बाहर ही कर दिया गया है।
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फाइट फॉर राइट संगठन के अध्यक्ष सुनील उदेइया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य सरकार और संस्थानों के लिए छात्र हित सबसे पहले होता है। लेकिन कुछ अधिकारी कुछ विशेष मामलों को लेकर दिए गए कर्नाटक उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आधार बनाकर निजी संस्थानों के साथ कदमताल कर रहे हैं। इससे यहां से निकलने वाले स्टूडेंटस को विदेश और अन्य राज्यों में नौकरी में संकट आ सकता है।
छात्र हित आवश्यक…आंदोलन की चेतावनी
सुनील उदेइया ने कहा कि विश्वविद्यालय के पैनल अधिवक्ताओं और अन्य विधिक राय में समय-समय पर आइएनसी की सूची को छात्र हित में आवश्यक माना है। इसी आधार पर सरकारी संस्थान और 80 फीसदी निजी संस्थान यह प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नर्सिंग स्टूडेंटस के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, जो आंदोलन का कारण बन सकता है।