प्रॉपर्टी के विवाद के चलते की वारदात
मृतक नन्दकिशोर गुर्जर व उसके बड़े पुत्र धनराज गुर्जर के बीच प्लॉट प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा था। घटना से एक दिन पहले धनराज व मुकेश ने साथ बैठकर शराब पी एवं दिन में मुकेश ने मृतक के छोटे पुत्र उधमसिंह के घर जाकर लड़ाई झगडा कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने धनराज व मुकेश को डिटेन कर अनुसंधान किया तो सामने आया कि नन्दकिशोर गुर्जर का बाईपास रोड इटावा पर प्लॉट है। उक्त प्लॉट में बड़े बेटे धनराज गुर्जर तीन हिस्से के बजाय दो हिस्से करना चाह रहा था। जिसका विरोध नन्दकिशोर गुर्जर व उसकी पत्नी कौशल्या बाई तथा छोटे लड़के उधमसिंह ने किया कि उक्त प्लॉट में तीनों भाइयों के हिस्से ही रहेंगे। इसी बात को लेकर धनराज गुर्जर व मुकेश गुर्जर व एक अन्य नाबालिग ने 29 जनवरी की रात मुकेश के घर शराब पिया।
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नन्दकिशोर की हत्या की साजिश रचने के पश्चात रात्रि 11 बजे बाद धनराज गुर्जर कुल्हाड़ी व मुकेश गुर्जर लाठी लेकर नन्दकिशोर गुर्जर के प्लॉट में बने मकान पर गए। जहां नन्दकिशोर गुर्जर बरामदे में सोया हुआ था। उन्होंने उसे जमीन पर गिराकर हमला कर उसकी हत्या कर दी। वारदात के बाद तीनों मुकेश के घर पर सो गए। 30 जनवरी को सुबह घटना का लोगों को पता चलने पर आरोपियों ने पुलिस व लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से तीनों बाईपास रोड इटावा पर प्रकरण के घटना स्थल पर चले गए।
इटावा एसएचओ नंदकिशोर वर्मा के साथ पुलिस की टीम में रामविलास, मनीष चौधरी आसूचना अधिकारी, व बनवारी वर्मा की भी अहम भूमिका रही है।