आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम की गिरफ्तारी के लिए पीसीसी में आए प्रस्ताव को लेकर भाजपा ने सरकार को घेरा है। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कानून का काम पीसीसी में हो रहा है।
पूनियां ने कहा कि मुद्दों को डायवर्ट करने की साजिश में कांग्रेसी हमेशा माहिर रहते हैं। पीसीसी की बैठक में भी निम्बाराम की गिरफ्तारी का प्रस्ताव इसलिए लाया गया है। जो काम कानून का है, वह पीसीसी में हो रहा है। हमारे यहां न्यायपालिका और बाकी प्रशासनिक व्यवस्था है। उसके लिए यह काम छोड़ देना चाहिए। कोई दल किसी व्यक्ति पर एक्शन या गिरफ्तारी के लिए कहे, यह पराकाष्ठा है। कांग्रेस की सरकार पर जो काले बादल छाए हुए हैं, उससे ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस इस तरह की साजिश कर रही है, लेकिन इसमें उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिलेगी। आरएएस भर्ती परीक्षा मामले में पूनियां ने कहा कि पीसीसी के अध्यक्ष अपने रिश्तेदारों को आरपीएससी में अनैतिक तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप है। नैतिकता कहती है कि वे इस्तीफा दें और जांच कराएं, लेकिन इन चीजों से बचने के लिए कांग्रेस रोजाना नई साजिश कर रही है। इन सब चीजों की सजा कांग्रेस को आज नहीं तो कल जरूर मिलेगी।
एसीबी के काम में दखलन्दाजी कर रही है सरकार-कटारिया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने निंबाराम की गिरफ्तारी का प्रस्ताव पीसीसी की बैठक में रखने को निंदनीय बताया। कटारिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि एसीबी जांच कर रही है। यदि उसमें निंबाराम दोषी होंगे तो एसीबी उन पर कार्रवाई करेगी, लेकिन एसीबी के काम में दखलअंदाजी करने के लिए पीसीसी ने जो प्रस्ताव पारित किया है, वो निंदनीय है। कटारिया ने कहा कि किसी को गिरफ्तार करना या डोटासरा को क्लीन चिट देने का काम पीसीसी का नहीं है। आरएएस परीक्षा में हुई जांच की गड़बड़ी की जांच होनी चाहिए।