जयपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि यह कोई दुश्मनी का खेल नहीं है, लेकिन जब से एनडीए की सरकार बनी है तो उनका विपक्ष के प्रति अभिमानी रवैया रहा है, जो कि स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सांसदों को सदन से ही निकाल देना इसका समाधान नहीं है। स्पीकर के चैंबर में मीटिंग कर समाधान निकालने का प्रयास होना चाहिए, ताकि सदन की कार्यवाही चल सके। आज हम विश्वगुरु बन रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर की निगाहें भारत पर हैं, लेकिन अब इसका पोस्टमार्टम दुनियाभर में हो रहा है। इससे पहले अशोक गहलोत ने कांग्रेस की ओर से देश के लिए दान (डोनेट ऑफ देश) अभियान पर कहा कि भाजपा को एक तरफा चंदा मिल रहा है, बाकि दलों पर बंदिश लग गई है। लोगों को हमें चंदा देने से डराया और धमकाया जा रहा है। इसलिए लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए हमने जनता से अपील की है।
गौरतलब है कि मंगलवार को लोकसभा में हंगामा करने वाले विपक्ष के 49 सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। सुप्रिया सुले, फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, डिंपल यादव, एस. टी हसन, दानिश अली और मनीष तिवारी सहित कुल 49 सासंदों को निलंबित किया गया है। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामा कर रहे कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों का नाम लिया। उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रिया सुले, फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, डिंपल यादव, एस. टी हसन, दानिश अली और मनीष तिवारी सहित 49 सासंदों का नाम लिया और निलंबन का प्रस्ताव पारित हो गया।
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