गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने 21 अक्टूबर 2021 को एक आदेश निकालकर समिति और प्रा धिकरण दोनों को ही भंग कर दिया था और इनकी जगह एक नई समिति बना दी। इसे सलाहकार सह राज्य स्तरीय समिति का नाम दिया गया। दो की जगह एक ही समिति होने से इसकी शक्तियां बढ़ गईं। सभी अ धिकार इस एक समिति के पास आ गए। पहले नियमानुसार सलाहकार समिति का अध्यक्ष चिकित्सा सचिव स्तर का अधिकारी अर्थात आईएएस अफसर और दूसरी समिति का अध्यक्ष अस्पताल अधीक्षक होता था। सूत्रों के अनुसार अब कमेटी में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व बनाए रखने के लिए मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के अनुसार सचिव स्तर या इससे उच्च कैडर के आईएएस अधिकारी को फिर से सलाहकार समिति का चैयरमेन बनाया जाएगा।
पत्रिका ने उजागर किए मामले पत्रिका ने दो कमेटियों की जगह नियम विरूद्ध एक ही कमेटी बनाए जाने के मामले का सबसे पहले खुलासा किया था। इसके बाद हाल ही में राजस्थान पत्रिका में 18 मई के अंक में “एक महीने से 13 जिंदगियां दांव पर, ट्रांसप्लांट के लिए भटक रहे मरीज” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया गया था कि कमेटियां नहीं होने से किडनी के गंभीर मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण के लिए एनओसी नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण लाइव किडनी प्रत्यारोपण करीब-करीब ठप हो गया है।
— कमेटियों का गठन किया जा रहा है। आवश्यक स्वीकृतियों के बाद जल्द ही इनकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री