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VIDEO: राजस्थान का ये शख्स निकला देश का ‘गद्दार’, हाफ़िज़ सईद की फंडिंग में था मददगार, जानें ‘आतंकी’ कनेक्शन?

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जयपुरSep 30, 2018 / 01:23 pm

Nakul Devarshi

जयपुर/ नई दिल्ली।
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (Falah-e-Insaniyat Foundation, FIF) के आंतकी फंडिंग से जुड़े मॉडयूल का हाल ही में भंडाफोड़ किया था। एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) सरगना और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) का देश की राजधानी दिल्ली से चलाये जा रहे आतंकी फंडिंग (Terror Funding) के रैकेट पर्दाफाश किया था। अब इस रैकेट के खुलासे में राजस्थान का सनसनीखेज़ कनेक्शन भी सामने आया है।
 

जानकारी के अनुसार टेरर फंडिग के खिलाफ की गई एनआईए की इस कार्रवाई में एक युवक राजस्थान के नागौर ज़िले के कुचामन का रहने वाला बताया जा रहा है। गिरफ्तार तीनों लोगों का सम्बन्ध आतंकी हाफिज सईद के फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन से है। आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद को फंडिंग के आरोपी मोहम्मद सलीम का नागौर के कुचामन से कनेक्शन है।

इस संबंध में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी से जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस सतर्क हो गई है। दिल्ली के दरियागंज में रहकर हवाला का कारोबार करने वाले सलीम उर्फ मामा के कुचामन सिटी से कनेक्शन का पुख्ता सबूत मिला है। सलीम पर मुम्बई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को फंडिंग करने का आरोप है।

बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम भी जांच करने कुचामन आ सकती है। हालांकि, पुलिस इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। एसपी हरेंद्र कुमार का कहना है कि कुचामन थानाधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। सबूत मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि 25 सितंबर को एनआईए ने दिल्ली में कई जगहों पर छापे मारे थे। ये फाउंडेशन पाक के आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा और लश्कर ए तैयबा का ही हिस्सा है। आतंकी फंडिंग से जुड़े तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही उनके पास से करोड़ों रुपये की देशी और विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई थी। यह रैकेट लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के तहत चलाया जा रहा था। फलाह-ए-इंसानियत को अमरीका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
 

इन इलाकों में मारे छापे

एनआईए ने टेरर फंडिंग नेटवर्क से जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए दिल्ली के दरियागंज, निजामुद्दीन और कूचा घासीराम एरिया में छापे मारे। इसमें आतंकी फंडिंग से जुड़े तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनके पास से करोड़ों रुपए की देशी-विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई।

कुछ महिने पहले मिली थी जानकारी
एनआइए के मुताबिक भारत में आतंक फंडिंग के लिए फलाह-ए-इंसानियत के नेटवर्क के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी कुछ महीने पहले मिली थी। इसके आधार पर इस साल जुलाई में एनआइए में एफआइआर भी दर्ज की गई थी। जांच में पता चला कि निजामुद्दीन में रहने वाला मोहम्मद सलमान यूएई में रहने वाले फलाह-ए-इंसानियत के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी के संपर्क में था। पाक नागरिक एफआईएफ के उप प्रमुख से जुड़ा था। एफआईएफ प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सहयोगी संगठन है।

एनआईए ने 25 सितंबर को निजामुद्दीन में मोहम्मद सलमान, दरियागंज निवासी मोहम्मद सलीम (हवाला संचालक) और कूचा घासीराम निवासी राजाराम के ठिकानों पर तलाशी ली और 1.56 करोड़ रुपये नकद, 43 हजार रुपये मूल्य की नेपाली मुद्रा, 14 मोबाइल फोन, पांच पैन ड्राइव और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये।

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