अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान
राजस्थान की अर्थव्यवस्था में उद्योगों का बड़ा योगदान है। वर्ष 2018-19 में यह 2.25 लाख करोड़ था, जो 2022-23 में 3.58 लाख करोड़ तक पहुंच गया है।
कनेक्टिविटी बेहतर होेने से व्यापार के मिलेंगे कई विकल्प
एक्सप्रेस-वे हरियाणा, राजस्थान, एमपी, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य से होकर गुजर रहा है। बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र, उसके बाद राजस्थान में है। एक्सप्रेस-वे से दिल्ली, अलवर, जयपुर, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ की भोपाल, उज्जैन, अहमदाबाद, इंदौर, सूरत और वडोदरा के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे व्यापार के कई विकल्प मिलने से स्थानीय व्यापार को पंख लगेंगे।
ये भी है जरूरी
सस्ती और नियमित बिजली। औद्योगिक क्षेत्रों में सस्ती जमीन। कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्ट सिस्टम मजबूत हो। कानून व्यवस्था बेहतर हो। सिंगल विंडो की सुविधा।ये बाधाएं, जिन्हें करना होगा दूर
2उद्योगों के लिए पानी आवंटन: उद्योगों के लिए पानी आवंटन का कोई स्थाई प्लान नहीं और न ही कोई नीति। इसी कारण एनसीआर से जुड़े प्रदेश की औद्योगिक क्षेत्र में कई बड़े निवेशकों के कदम ठिठक रहे हैं। रीको ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से जल्द से जल्द समाधान की जरूरत जताई थी, ताकि दूसरे निवेशक भी आ सकें।
महंगी बिजली…अभी हर यूनिट 2.50 रुपए महंगी: औद्योगिक श्रेणी की बिजली दर के मामले में राजस्थान देश में पांचवें नम्बर पर है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में यहां औद्योगिक इकाइयों को ढाई रुपए यूनिट तक महंगी बिजली मिल रही है। निवेशकों को आकर्षित करने में यह एक सबसे बड़ी बाधा है।
मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश में औद्योगिक कॉरिडोर डवलप हो। इसी आधार पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के नजदीक भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन तलाशी गई है। आचार संहिता के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। -हिमांशु गुप्ता, कार्यवाहक प्रबंध निदेशक, रीको