ऐसे में शिक्षा विभाग से जुड़े कार्य अभी भी जयपुर व अलवर जिले के शिक्षा विभाग के भरोसे हैं। जबकि ये कार्य कोटपूतली में ही होने चाहिए। कार्यालय में केवल ऑफलाइन कार्य हो पा रहे हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से कोटपूतली के लिए अलग पोर्टल और डायस कोड देने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
शाला दर्पण के माध्यम से स्कूलों की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को संग्रहित किया जाता है। विभाग में हर स्कूल, विद्यार्थी व योजनाओं का डाटा संग्रहित रहता है। शिक्षकों और स्टूडेंट्स को समय-समय पर सूचना मिलती है। इसके माध्यम से स्कूलों के प्रति विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षकों को कुछ ही क्लिक में हर जानकारी उपलब्ध हो जाती है, लेकिन पोर्टल नहीं होने से कई कार्य प्रभावित हैं।
इसलिए जरूरी है शाला दर्पण
शाला दर्पण पोर्टल पर स्थाईकरण, नियुक्ति, स्थानांतरण जैसे आवेदन, स्कूलों के प्रदर्शन, छात्रों की उपस्थिति और शिक्षकों के कार्यों की मॉनिटरिंग, पाठ्यक्रम, पुस्तकें, प्रशिक्षण मॉड्यूल और महत्वपूर्ण सूचना
नए भवन की दरकार, स्टाफ भी कम
डीईओ कार्यालय अभी खेड़की वीरभान में राजकीय उमावि के पुराने भवन में संचालित है। यह विद्यालय नए भवन में स्थानांतरित होने से पुराना भवन खाली हो गया था। अधिकारी वर्ग में मुय जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाइट व एडीपीसी के पदों पर स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। अभी यहां जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कार्यरत है उनके पास ही जिला शिक्षा अधिकारी प्रारभिक का कार्यभार है। मंत्रालयिक स्टाफ में अभी 9 कर्मचारी पद स्थापित हैं। शाला दर्पण पॉर्टल पर हर जिले, ब्लॉक, कार्मिक, स्कूल, विद्यार्थियों का रिकॉर्ड है। कोटपूतली जिले में जयपुर व अलवर जिले के ब्लॉक जुड़े हैं। कोटपूतली, पावटा व विरानगर ब्लॉक का रिकॉर्ड अभी जयपुर जिले है। जबकि बहरोड़, बानसूर व नीमराणा ब्लाक का रिकार्ड अलवर जिले में है। इनको कोटपूतली बहरोड़ में जोड़ने के लिए सभी स्कूलों को नए यू-डायस कोड और नई आईडी दी जाएगी। उमीद है नवीन शैक्षणिक सत्र से जिले का पोर्टल अस्तित्व में आएगा।