भरतपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव सबसे कम उम्र की हैं। वे महज 25 साल की हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में उन्हें कठूमर से टिकट दिया लेकिन उन्हें 409 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चोपड़ा भी 31 साल के हैं। चोपड़ा राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा अलवर से प्रत्याशी बनाए गए ललित यादव भी 37 वर्ष के हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में भी यादव मुंडावर से विधायक चुने गए हैं।
वहीं, चूरू से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वां 47 साल के हैं। 2014 और 2019 में भाजपा की टिकट पर चूरू से सांसद चुने गए थे। और इस बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वे 43 वर्ष के हैं। 2019 में उन्होंने जोधपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वे जालोर-सिरोही से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
भाजपा ने तीन सीटों पर युवाओं को प्रत्याशी बनाया है। इनमें श्रीगंगानगर, चुरू और करौली-धौलपुर शामिल हैं। श्रीगंगानगर से प्रियंका बालान सबसे कम उम्र की प्रत्याशी हैं, जिनकी उम्र 33 वर्ष है। चुरू से देवेन्द्र झाझड़िया 43 वर्ष और करौली-धौलपुर सीट से इंदु देवी जाटव 37 वर्ष की हैं।
बताया जा रहा है कि युवा चेहरों को चुनाव मैदान में उतारे जाने के पीछे दोनों ही दलों ने युवाओं को राजनीति में भागीदारी बढ़ाने का संदेश देने के साथ ही युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए भी इस रणनीति पर काम किया है।