भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, पार्टी नेताओं की नजर अब भाजपा के उन असंतुष्ट नेताओं पर है, जिन्हें पहली सूची में टिकट नहीं दिया गया है। इसके अलावा भाजपा की दूसरी सूची में मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं मिलता है तो कांग्रेस उनसे संपर्क कर उन्हें अपने पाले में लाने का प्रयास करेगी।
यही वजह है कि कांग्रेस ने अभी तक भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। मुख्य रूप से पार्टी की उन मजबूत नेताओं पर नजर है, जो चुनाव परिणाम पर असर डाल डाल सकते हो। बांसवाड़ा-डूंगरपुर से भाजपा प्रत्याशी महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को घर में ही घेरने की रणनीति पर कांग्रेस ने काम करना शुरू कर दिया है।
चूरू से लगातार दो बार सांसद रहे राहुल कस्वां पर भी कांग्रेस की नजर है। गोविंद सिंह डोटासरा सहित शेखावाटी अंचल के कांग्रेस से जुड़े जाट नेता भी कस्वां से संपर्क करने में जुट गए हैं।
सूत्रों की मानें तो चुनाव मैदान में मालवीया को चुनौती देने के लिए कांग्रेस भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन कर सकती है। कांग्रेस की आंतरिक बैठकों में भी इसे लेकर चर्चा हुई है। प्रदेश के कई शीर्ष नेता भी भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन के पक्ष में है और इस मामले को पार्टी हाईकमान के सामने भी रख चुके है। हालांकि गठबंधन होगा या नहीं, इसका फैसला हाईकमान ही करेगा।
Lok Sabha Election : BJP में उठने लगे बगावत के सुर… 10 सीटों के संभावित प्रत्याशियों के नामों पर हुआ मंथन
राजस्थान में करीब 9 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस खुद को मजबूत मानकर चल रही है। इसकी एक वजह यह भी है कि इन सीटों पर कांग्रेस के 42 विधायक है। इन सीटों में बांसवाड़ा-डूंगरपुर, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, करौली- धौलपुर और गंगानगर हैं।