— फर्जी रिकॉर्ड तैयार किया, पटवारी के जाली हस्ताक्षर भी किए फसली ऋण जीएसएस के उन्हें सदस्यों को मिलता है, जिनके नाम जमीन होती है। लोन के लिए फर्जी रिकॉर्ड तैयार किया गया। इसके लिए पटवारी के जाली हस्ताक्षर तक कर दिए। व्यवस्थापक ने इसे मंजूर कर लिया। खुलासे के बाद एसीबी ने प्राथमिक जांच की, जिसमें पुलिस निरीक्षक मीरा बेनीवाल ने आरोपी प्रथम दृष्टया सही माने। एसीबी ने मुख्यालय ने करीब साढ़े आठ लाख रुपए के गबन की नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। मामले में जिस तरह जालसाजी की है, उससे साफ है कि इसमें व्यवस्थापक के अलावा सहकारी बैंक के कर्मचारी भी लिप्त हो सकते हैं। एसीबी अब जाली दस्तावेज के साथ अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत की भी पड़ताल करेगी।
ये हैं आरोपी :- रामचंद्र पुत्र शिवकरण जाट, तत्कालीन अध्यक्ष जीएसएस सूदवाड़ :- मंजू पत्नी रामचंद्र, तत्कालीन अध्यक्ष जीएसएस नींबोला :- मूलाराम पुत्र रामचंद्र :- सुनील पुत्र रामचंद्र :- गीता पत्नी मूलाराम
:- सुमन पत्नी सुनील :- मंशाराम व्यवस्थापक जीएसएस नींबोला:- गिरधारी पुत्र गणेश निवासी निम्बोल :- पूनाराम पुत्र गणेश :- संतोष पत्नी पूनाराम :- रामेश्वरी पत्नी गिरधारी :- सफी मोहम्मद चौहान निवासी पादूखुर्द