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जयपुरिया अस्पताल में सुविधाएं नहीं, सुपर स्पेशलिटी सिर्फ नाम का : एंजियोग्राफी के लिए जाना पड़ता है SMS

Lack of Facilities in Jaipurya Hospital : दो दशक से अधिक समय से पूर्ण अस्पताल के तौर पर संचालित जयपुरिया एक दशक पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रूप ले चुका है।

जयपुरJul 14, 2024 / 11:52 am

Manoj Kumar

Jaipurya Hospital

Jaipurya Hospital

Lack of Facilities in Jaipurya Hospital : दो दशक से अधिक समय से पूर्ण अस्पताल के तौर पर संचालित जयपुरिया एक दशक पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल का रूप ले चुका है। शुरुआत में उमीद थी कि यह अस्पताल धीरे-धीरे सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध एसएमएस, जेकेलोन, जनाना, महिला सहित अन्य अस्पतालों का भार कम करने में सहायक होगा।
लेकिन इस दौरान राज्य सरकारों के विजन की अस्पष्टता कहें या कुछ और…इस अस्पताल में आज तक सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सेवाएं न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी सहित कार्डियोलॉजी के इलाज प्रोसीजर की सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं।

एंजियोग्राफी के लिए एसएमएस अस्पताल

हैरत की बात यह है कि कार्डियक सहित अन्य सुपर स्पेशलिटी की सप्ताह में कुछ दिन यहां आउटडोर सुविधाएं उपलब्ध हैं। लेकिन उनकी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी या अन्य प्रोसीजर करने के लिए उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल ही भेजा जा रहा है। राज्य सरकार का फोकस भी एसएमएस ही है। वहां अब अतिरिक्त लैब भी इसके लिए बनाई जा रही है। जयपुरिया अस्पताल में सुविधाओं की पड़ताल करने पर पाया कि अस्पताल प्रशासन मरीजों को गुमराह कर रहा है। सुपर स्पेशलिटी की सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के बावजूद वहां इनकी उपलब्धता की सूचनाएं दीवारों पर लिखी हैं।

ट्रोमा शुरू तो होगा, पर डॉक्टर तो आएं

अस्पताल में हालात ऐसे हैं कि न्यू ट्रोमा सेंटर अगले माह के अंत तक तैयार हो जाएगा फिर भी गंभीर रोगियों को यहां से एसएमएस अस्पताल ही रैफर किए जाएंगे। यहां के लिए सरकार ने अभी तक स्पेशलिस्ट चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ नियुक्त नहीं किए हैं। अस्पताल में मालवीय नगर, जगतपुरा, सांगानेर, दुर्गापुरा, मानसरोवर समेत आसपास के अन्य इलाकों से रोजाना 250 से 300 मरीज गंभीर हालत में लाए जाते हैं। इनमें ज्यादातर सड़क दुर्घटना में घायल होकर पहुंचते हैं। इनमें से 40 से 50 मरीजों को गंभीर हालत की वजह से रोजाना एसएमएस अस्पताल ही रैफर करना पड़ता है। सरकार ने इस न्यू ट्रोमा सेंटर के लिए न्यूरो सर्जन,कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट,प्लास्टिक सर्जन, मेडिकल ऑफिसर,चिकित्सक के अलावा नर्सिंग स्टाफ, वार्ड ब्वॉय लैब-ईसीजी,ओटी व एक्सरे तकनीशियन समेत अन्य स्टाफ ही नहीं लगाया है।

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