बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ की टीम ने सुरंग में खुदाई मिस डायरेक्शन में कर दी। जिसके बाद प्रशासन पर सवाल उठाना शुरू हो गए। क्योंकि कल रात प्रशासन ने बालिका के करीब पहुंचने का दावा किया जा रहा था। 9 दिन से मासूम चेतना के बाहर नहीं निकलने पर परिजनों की उम्मीदें धीरे-धीरे धराशायी होते जा रही है। हालांकि प्रदेशवासी चेतना के लिए दुआ कर रहे है।
कल रात प्रशासन ने बालिका को बाहर निकाल कर उसे अस्पताल तक पहुंचाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। अस्पताल में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। मौके पर भी एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। बालिका को बोरवेल से निकालकर सीधे अस्पताल पहुंचाने की प्रशासन की योजना थी। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते टनल खुदाई का काम भी जारी है।
खुदाई में क्यों आ रही समस्या?
टनल में कठोर पत्थर होने की वजह से खुदाई करने में समय लग रहा है। प्रशासन व एनडीआरएफ टीम प्रयास में जुटे हैं। नीचे उतरकर चट्टाननुमा पत्थर को तोड़कर हॉरिजेन्टल सुरंग बनाने में कई चुनौतियों को सामान करना पड़ा है। सर्दी के चलते बाहर का तापमान कम होने सुरंग के अंदर का तापमान अधिक रहने से राइट मैनर को कार्य करने में परेशानी हो रही है। बालिका तक पहुंचने के लिए सुरंग की दिशा तय करने के लिए भीलवाड़ा, अजमेर व खेतडी कॉपर से खान विशेषज्ञ बुलाए गए हैं।