राजस्थान में चल रहे गांव बंद आंदोलन का व्यापक असर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर विभिन्न मांगों के समर्थन में चल रहे गांव बंद आंदोलन से क्षेत्र के आम लोगो का जीवन प्रभावित होना शुरू हो गया है। किसानों के आह्वान पर किसान संगठनों ने आंदोलन को समर्थन देते हुए फल-सब्ज़ी और दूध को शहरों तक सप्लाई करना बंद कर दिया है।
प्रदेश में जगह-जगह चल रहे गांव बंद आंदोलन का असर ये हुआ है की दैनिक ज़रूरतों की कीमतों ने रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। आंदोलन के चलते किसान जगह-जगह सड़को पर अब तक हजारों लीटर दूध बहा चुके है और सरकार के प्रति लगातार अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। वहीं किसान आंदोलन के नाम पर कई ज़िलों में उत्पात, उपद्रव और हंगामें की खबरें हैं जो अलग। आंदोलन को चार दिन बीत चुके हैं और मंगलवार को पांचवां दिन है। आंदोलन के चलते कानून व्यवस्था बुरी तरह से चौपट हो रही है।
पंजाब में 4 दिन पहले ही हो रहा है किसान आंदोलन खत्म पूरे देश में चल रहे किसान अवकाश आंदोलन के बीच ख़बर है की पंजाब में यह आंदोलन 4 दिन पहले ही बंद होने वाला है। पंजाब में गांव बंद आंदोलन 6 जून को ही बंद होने वाला है। आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन ने गाँव बंद का आह्वान 10 जून तक का किया था। ऐसे में पंजाब में यह आंदोलन तय तारीख से 4 दिन पहले ही बंद हो जाएगा। इससे और जगह हो रहे आंदोलन पर भी प्रभाव पड़ेगा और आंदोलन दो टुकड़ो में बंट जाएगा।
राजस्थान समेत हर राज्य में किसानों का प्रदर्शन पंजाब में किसान आंदोलन के 4 दिन पहले खत्म होने का कारण किसानों और दूध विक्रेताओं में टकराव की घटनाओं के चलते बताया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के पंजाब अध्यक्ष बलबीर सिंह ने सोमवार को प्रोग्रसिव डेयरी फामर्स एसोसिएशन के अनुरोध पर आंदोलन पहले खत्म करने की बात कही। राजस्थान समेत अन्य राज्यों में चल रहे गांव बंद आंदोलन में किसानों ने सब्जी और दूध फेंक कर जगह-जगह चक्काजाम किया और कई जगह उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहें है।