महेश नगर सीआई और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बीच हुई “हॉट टॉक” का यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंत्री ने सीआई पर एक मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा, लेकिन अपेक्षित कदम न उठाए जाने से मीणा नाराज हो गए। उनका आरोप है कि सीआइ के रवैये से जनता में सरकार की छवि खराब हो रही है।
मंत्री मीणा ने साफ शब्दों में कहा कि वे अन्याय के खिलाफ हैं, चाहे वह किसी के भी द्वारा किया गया हो। उन्होंने अपनी ही सरकार से सवाल किया कि जब जनता उन्हें चुनकर सत्ता में लाई है, तो क्या उन्हें अपने अधिकारों और जनता के हितों के लिए लडऩे का हक नहीं है?
मंत्री के इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष ने इसे सरकार के अंदरूनी मतभेद के रूप में पेश किया है। वहीं, कांग्रेस के भीतर भी इस विवाद को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं।
किरोड़ी लाल मीणा ने यह मुद्दा केवल निजी बैठकों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सार्वजनिक मंच से उठाया। उनके गुस्से और बयानबाजी ने सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि वे अपने क्षेत्र के लोगों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे।
राज्य में राइजिंग राजस्थान नजदीक हैं, और ऐसे में एक मंत्री का इस तरह नाराज होना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। खासकर तब, जब विपक्ष पहले से ही सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है।
किरोड़ीलाल के बाद अब हनुमान बेनीवाल ने भी खोला मोर्चा
मामले का हल कब तक?फिलहाल मुख्यमंत्री ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, सरकार मामले को सुलझाने के लिए जल्द ही कोई कदम उठा सकती है। मंत्री मीणा के साथ बातचीत करके समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।