जयपुर। राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक में रविवार (29 सितंबर) को किरोड़ी लाल मीणा शामिल हुए, जो चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जून महीने में ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इससे पहले राजस्थान सरकार द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में वे शामिल नहीं हुए थे। अब सरकार की कैबिनेट बैठक में शामिल होने के बाद उनके सरकार में बने रहने या न रहने को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है।
बैठक में इन मांगों को उठाया
बैठक में किरोड़ी लाल मीणा ने सीएम से कहा कि जिस तरह से एसआई परीक्षा में अनियमितताएं सामने आई हैं। सरकार को इस परीक्षा को रद्द करने का फैसला लेना चाहिए। इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार से भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाने और तबादला नीति बनाने के लिए तुरंत कदम उठाने की भी मांग की।
करीब 3 महीने तक बना रहा संशय
दरअसल, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जून महीने में सीएम भजन लाल शर्मा अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उन्होंने इसकी वजह भी बताई थी। किरोड़ी लाल ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा था कि मैंने मंत्री पद इसलिए छोड़ा क्योंकि जहां मैं 45 साल से सेवा कर रहा हूं वहां के लोगों ने मेरी बात नहीं सुनी। हालांकि इस्तीफे पर संशय 3 महीने तक बना रहा।कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार के मंत्री ढाई महीने से इस्तीफा लेकर घूम रहे हैं लेकिन कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। लोगों में चर्चाएं थी कि किरोड़ी लाल मीणा सरकार के साथ हैं या नहीं?
किरोड़ी लाल बोले- मेरी नाराजगी खुद से
इससे पहले, उन्होंने कहा कि मेरी नाराजगी खुद से है, भवानी जागेगी तब मान जाऊंगा। मुझे मनाने की जरूरत नहीं है। मैं पार्टी, मुख्यमंत्री या फिर किसी और व्यक्ति से नाराज नहीं हूं। मैं 45 साल से जनता के बीच में रहकर संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन जनता का वोट भाजपा को नहीं डलवा पाया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था- सरकार के साथ हैं किरोड़ी लाल मीणा
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा के बारे में कहा था कि किरोड़ी लाल हमारे साथ हैं और वो सरकार के लिए काम कर रहे हैं। विभाग खाली नहीं है। किरोड़ी लाल हर दिन काम कर रहे हैं। विभाग की फाइलें हर दिन निपटा रहे हैं।
इसकी भी है चर्चाएं
उल्लेखनीय है कि ऐसी जानकारी है कि किरोड़ी लाल मीणा को बैठक में शामिल होने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। बताया जा रहा है कि ये निर्देश केंद्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष की ओर से आए थे। मीणा से कहा गया था कि अगर वे इस बैठक में शामिल नहीं हुए तो केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।