दरअसल, वर्ष 2003 में जेडीए ने ग्रीन फायर हॉस्पिटल को दो हिस्सों में 23,633 वर्ग गज जमीन का आवंटन किया था। शर्तों का उल्लंघन करने की वजह से जेडीए ने दिसम्बर, 2015 में इस जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया था। लेकिन, इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। 09 सितम्बर 2023 को लोक अदालत ने वर्ष 2015 के फैसले को निरस्त करने और पजेशन देने के निर्देश दिए। जेडीए में अभी जमीन का आवंटन बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में रिसर्जेंट राजस्थान समिट के दौरान जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यहां गंदगी देखी तो जेडीए से जानकारी मांगी और उसके बाद जेडीए ने 24 दिसम्बर, 2015 को आवंटन निरस्त कर दिया था।
जेडीसी से मिल जताई आपत्ति
विधायक कालीचरण सराफ ने आदिनाथ नगर विकास समिति के प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को जेडीए आयुक्त जोगाराम से मुलाकात की। सराफ ने कहा कि जनहित में पार्क की जमीन पर अस्पताल नहीं बने। कई कॉलोनियों के बीच में यह एकमात्र पार्क है, इसको रहने दिया जाए। वहीं, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा ने भी इस मामले में जेडीए आयुक्त से मुलाकात की, उन्होंने जमीन आवंटन निरस्त करने की मांग की है।
रतनप्रभा और ग्रीन फायर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता हुआ है। उसके बाद लोक अदालत ने 2015 के फैसले को विड्रॉ करने और दोनों पक्षों को पजेशन देने और संशोधित पट्टा जारी करने के निर्देश दिए हैं। उसकी प्रक्रिया चल रही है।
-कनिष्क सैनी, जोन उपायुक्त, जेडीए
जेडीए पार्क को उजाड़ने का काम कर रहा है। 11 कॉलोनियों के बीच में एक ही पार्क है। यहां सैकड़ों लोग रोज घूमने आते हैं। यदि पार्क नहीं रहेगा तो बच्चे कहां खेलेंगे और लोगों के पास भी घूमने के लिए जगह नहीं बचेगी।
-उमा शर्मा, अध्यक्ष, आदिनाथ नगर विकास समिति