मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन के काम की नियमित समीक्षा की जाएगी और पेयजल परियोजनाओं में अनियमितता बरतने वाले ठेकेदार व अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि राज्य की पिछली सरकार ने राजनीतिक द्वेष के कारण इन योजनाओं के प्रति उदासीनता दिखाई थी। उन्होंने कहा कि 2019 तक देश में मात्र 16 फीसदी परिवारों के पास ही नल कनेक्शन थे जबकि जल जीवन मिशन आने के बाद करीब 75 प्रतिशत परिवारों को नल से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। जिससे पता चल सके कि हर घर जल कनेक्शन के लिए जलदाय इंजीनियर किस तरह काम कर रहे हैं और गुणवत्ता से समझौता तो नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यों में गुणवत्ता की जांच के लिए थर्ड पार्टी जांच शुरू कराई जाए।