इस अस्पताल में मालवीय नगर, मानसरोवर, सांगानेर, दुर्गापुरा समेत आस-पास इलाकों से रोजाना ओपीडी में 2700 से अधिक मरीज आते हैं। इनमें 250 से अधिक मरीज भर्ती व करीब 20 सर्जरी, 10 से ज्यादा डिलीवरी होती है। अस्पताल पहले से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। 22 तबादलों वाले डॉक्टरों में 6 इमरजेंसी, 2 एनेस्थीसिया, 2 स्त्री एवं प्रसूति रोग के हैं।
इमरजेंसी पर ज्यादा असर
इन चिकित्सकों के पद रिक्त होने से सबसे ज्यादा असर इमरजेंसी में होगा। यहां रात में रोजाना 100 से ज्यादा मरीज आते हैं। इस वजह से इमरजेंसी में ऑर्थोपेडिक, एनेस्थीसिया, सर्जरी समेत अन्य विभागों के चिकित्सक उपस्थित रहते हैं। अब चिकित्सकों के जाने से दिक्कत होगी। इमरजेंसी में एक-एक ही चिकित्सक रख सकेंगे। रात के समय मरीजों को रैफर ही करना पड़ेगा।
चिकित्सकों के तबादले हो गए। इससे दिक्कतें होना तय है। इस संबंध में प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी से भी मिला हूं। जल्द कोई समाधान निकलेगा।- डॉ. महेश मंगल, अधीक्षक जयपुरिया अस्पताल