पुलिसकर्मी रह चुका है आरोपी
डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कागारोल, आगरा निवासी तनुज चाहर है। वह रिजर्व पुलिस लाइन अलीगढ़ (उ.प्र.) में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत था और वर्तमान में निलंबित चल रहा है। तनुज यूपी पुलिस की विशेष टीम व सर्विलांस टीम में रह चुका था। वह पुलिस की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ था, इसलिए उसने फरारी के दौरान स्वयं के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। वह अपनी जगह बार-बार बदलता रहता था। आरोपी इतना शातिर था कि अपने जानकार व्यक्ति से एक बार मिलने के बाद दुबारा नहीं मिलता था। अपनी पहचान छिपाने के लिए कभी दाही बढ़ा लेता था तो कभी सफेद दाढ़ी पर डाई कर लेता था। नए आदमी को वह अपना परिचय नहीं देता था। वह पृथ्वी को अपना बेटा मानता था। मामले में साइबर सेल साउथ के हेड कांस्टेबल लोकेश और मुहाना के कांस्टेबल राजेश कुमार की अहम भूमिका रही।
बच्चा गोद में लिए आठ किलोमीटर भागा आरोपी
आरोपी तनुज चाहर को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीम 22 अगस्त को मथुरा, आगरा और अलीगढ़ पहुंची। सूचना मिली थी कि तनुज ने वाढ़ी बढ़ा ली है और वह साधु का चोला पहनकर वृंदावन के परिक्रमा मार्ग में यूमना जी के खादर क्षेत्र में कुटिया बनाकर रह रहा है। पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने साधु का भेष बना लिया था। इसे देखते हुए पुलिसकर्मी भजन-कीर्तन करते हुए वहीं साधु के वेश में रहने लगे। 27 अगस्त को सूचना मिली कि तनुज अलीगढ़ गया है। पुलिस आरोपी को पकड़ने पहुंची तो वह अपहृत बालक को गोद में लेकर खेतों में भागने लगा। पुलिस ने 8 किलोमीटर पीछा कर उसे पकड़ लिया।
इस वजह से किया था अपहरण
जांच अधिकारी एडिशनल डीसीपी (सिकाउ) पूनम चंद विश्नोई और एडिशनल डीसीपी (साउथ) पारस जैन ने बताया कि आरोपी तनुज परिवादिया पूनम चौधरी और अपहृत बालक पृथ्वी उर्फ कुक्कु को अपने पास रखना चाहता था लेकिन परिवादिया आरोपी के साथ नहीं जाना चाहती थी। इसलिए तनुज ने परिवादिया के तब 11 महीने के बच्चे का साथियों के साथ मिलकर घर के बाहर से अपहरण कर लिया। तनुज परिवादिया से बात मनवाने के लिए धमकी दे रहा था। इसे दौरान उसे नौकरी से भी निलंबित होना पड़ा, लेकिन वह अपनी जिद नहीं छोड़ रहा था।