इस दौरान मौजूद सभी लोगों की आंखे नम हो गई। जानकारी के अनुसार, सीताराम बाजार ब्रह्मपुरी निवासी गोवर्धन दास बूसर की 11 बेटियां हैं, बेटा नहीं है। 11 बेटियों में से 8 बेटियों का जयपुर जिले में ससुराल है। एक का मुंबई, एक
अजमेर व एक उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ससुराल है।
जयपुर निवासी मृतक गोवर्धन नाटानियों के रास्ते में करीब 40 साल तक किराने की दुकान करते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते दुकान बंद करनी पड़ी। मृतक की बेटी अंजू गुप्ता ने बताया कि पिताजी रोज ब्रह्मपुरी स्थित घर से साइकिल, दुकान व अन्य जगह आते-जाते थे। अब बीमार होने के बाद भी सभी बेटियों ने मिलकर उनकी सेवा की। कागदीवाड़ा स्थित श्मशान में दोहिते बबलू ने नाना को मुखाग्नि दी।