उसकी खास बात थी कि 30 साल में उसके पास खेलकर बच्चे भी बड़े हो गए। उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। वह हमेशा शांत और शालीन रहती थी। उसे चॉकलेट खाना बहुत पसंद था। यों तो वह कम ही बीमार पड़ती थी लेकिन कुछ समय पहले वह गिरकर चोटिल हो गई थी। इससे उसके पांव में फ्रेक्चर हो गया था। इसके बाद पांव में मवाद पड़ गया था। उसके इलाज के लिए न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के प्रमुख चिकित्सकों से सलाह ली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार उसकी मौत हो गई।
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