उसकी खास बात थी कि 30 साल में उसके पास खेलकर बच्चे भी बड़े हो गए। उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। वह हमेशा शांत और शालीन रहती थी। उसे चॉकलेट खाना बहुत पसंद था। यों तो वह कम ही बीमार पड़ती थी लेकिन कुछ समय पहले वह गिरकर चोटिल हो गई थी। इससे उसके पांव में फ्रेक्चर हो गया था। इसके बाद पांव में मवाद पड़ गया था। उसके इलाज के लिए न केवल राजस्थान बल्कि देशभर के प्रमुख चिकित्सकों से सलाह ली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार उसकी मौत हो गई।
परिवार में छाई शोक की लहर
नजर मोहम्मद ने बताया कि रूपा उनके परिवार की सदस्य की तरह थी। वही उनकी रोजी-रोटी चला रही थी। उसके जाने से सन्नाटा छाया हुआ है। हमारे लिए भोजन करना भी दूभर हो रहा है।
मेहमानों को भाती थी उसकी हर अदा
हथिनी रूपा हाथी गांव में आने सैलानियों की भी पहली पसंद थी क्योंकि वह सूंड से माला पहनाती थी। उसकी यह अदा सैलानियों के साथ ही अन्य लोगों को भी आकर्षित करती थी।