इस ऐप को शुरू करने के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए। दावे किए गए कि मोबाइल की स्क्रीन पर तीन बार टच करने पर ऐप स्वत: सक्रिय हो जाएगा और जयपुर पुलिस कन्ट्रोल रूम व महिला आयोग के पास पीड़ित महिला की मदद मांगने का अलर्ट पहुंच जाएगा। अलर्ट भेजने वाली महिला के पास 6 मिनट में पुलिस पहुंच जाएगी लेकिन महिलाओं को सुरक्षा देने वाला यह ऐप कभी सामने ही नहीं आ पाया।
‘राजकॉप सिटीजन’ ऐप योजना भी फ्लॉप
‘राज महिला सुरक्षा’ ऐप के विफल होने के बाद वर्ष 2018 में महिला अत्याचार के मामले बढ़ने पर ‘राजकॉप सिटीजन’ ऐप योजना लाई गई। मोबाइल पर ‘राजकॉप सिटीजन’ ऐप के अलर्ट बटन को दबाते ही पुलिस कन्ट्रोल रूम को महिला के संकट में फंसे होने की सूचना मिल जाएगी। डेढ़ माह में इस योजना को धरातल पर उतारने के दावे किए गए। लाखों रुपए योजना पर खर्च किए गए। ऐप तो चालू हुआ, लेकिन महिला सुरक्षा का अलर्ट बटन आज तक नहीं दब सका। न जाने अभी कितने समय बाद महिलाओं को ‘राजकॉप सिटीजन’ ऐप पर सुरक्षा का बटन मिल सकेगा, जिससे संकट के समय में बटन दबाते ही पुलिस तक सूचना पहुंच जाए।