इसके अलावा भाजपा में आपसी खींचतान और नए नेता का उदय होने का डर भी मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। वहीं, भाजपा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी और विधायक कई बार संगठन और सरकार के स्तर पर कांग्रेस महापौर की पैरवी करते हुए नजर आते हैं।
मंगलवार को भाजपा पार्षद शहर अध्यक्ष राघव शर्मा से दोपहर एक बजे मुलाकात करेंगे। पार्षदों ने दबी जुबान स्वीकार किया कि यदि संगठन और सरकार स्तर पर सुनवाई नहीं होती है तो दिल्ली जाकर संगठन में शिकायत करेंगे।
महापौर ने भी बदली चाल
भले ही महापौर कांग्रेस की हैं, लेकिन वे भाजपा विधायकों और विस चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों के साथ कार्यक्रम में नजर आती हैं। कांग्रेस विधायकों से उन्होंने दूरी बना ली है। विधानसभा चुनाव में जयपुर महापौर ने सिविल लाइन्स क्षेत्र में कांग्रेस की बजाय भाजपा के लिए काम किया। दिसम्बर में जब कोर्ट से राहत मिलने के बाद मुनेश ने महापौर की कुर्सी संभाली थी तो भाजपा के कई पार्षद उन्हें बधाई देने के लिए भी पहुंचे थे। यह भी पढ़ें
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अभियोजन स्वीकृति की फाइल लम्बित
भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी की जांच में आरोप सिद्ध हो चुके हैं। महापौर की गिरफ्तारी के लिए अभियोजन स्वीकृति की फाइल करीब तीन माह से सरकार के यहां लम्बित है। सरकार अभियोजन स्वीकृति दे, इसके लिए भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षद भी सक्रिय हैं। कांग्रेस के पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले माह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से मिलकर महापौर को हटाने की मांग की थी।भाजपा पार्षदों का दर्द
-हवामहल विस क्षेत्र से एक पार्षद ने यहां तक कहा कि हमारे विधायकों और विस चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों का महापौर को समर्थन है। इसी वजह से आज तक कभी खुलकर किसी ने पैरवी नहीं की।-सिविल लाइन्स विस क्षेत्र से पार्षद ने कहा कि महापौर ने पहले भी कोई काम नहीं किए। अब भी कोई काम नहीं हो रहे। विधायक लगातार महापौर के साथ मंच साझा कर रहे हैं।
-किशनपोल विस क्षेत्र से पार्षद का कहना है कि पार्टी प्रदेश नेतृत्व और सरकार स्तर पर बात रख चुके, लेकिन हर जगह से केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं।
-आदर्श नगर से भाजपा के एक पार्षद का कहना है कि विधायक और विस चुनाव लड़ चुके पार्टी के प्रत्याशियों के होने और न होने वाले सभी काम हो रहे हैं।