25 सीटें हैं राजस्थान में लोकसभा की 01 सीट बाड़मेर में बना था त्रिकोणीय मुकाबला 03 सीटों पर कांग्रेस ने किया था गठबंधन 02 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीती हैं सभी 25 सीटें
राजेश दीक्षित Jaipur news : जयपुर। लोकसभा चुनाव की मतगणना कल शुरू होगी। इसको लेकर प्रशासन ने तो भले ही अपनी तैयारियां पूरी कर ली हो, लेकिन राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ना शुरू हो गई हैं। अब केवल 24 घंटे शेष बचे हैं। मंगलवार दोपहर बारह बजे बाद से प्रत्याशियों के जीत-हार की स्थिति क्लियर हो जाएगी। राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें एकमात्र बाड़मेर में ही त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। बाकी 24 सीटों पर आमने-सामने की टक्कर है। इसमें भी आठ लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर प्रमुख नेताओें की प्रतिष्ठा दांव पर है।
कांग्रेस ने किया तीन सीटों पर गठबंधन राज्य की 25 सीटों में भाजपा ने जहां सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं कांग्रेस ने 22 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को खड़ा किया था। तीन सीटों पर कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था। इनमें सीकर में माकपा से, नागौर में रालोपा से और बांसवाड़ा में बीएपी से गठबंधन किया है। कल आने वाले परिणाम के बाद यह पता चल पाएगा कि कांग्रेस का गठबंधन कितना फायदेमंद साबित होता है।
चार सीटों पर कांग्रेस का उम्मीद अधिक यूं तो दोनों ही पार्टियों अपनी-अपनी जीत के दावों के साथ दिख रही है। लेकिन मतदान के बाद से लेकर एग्जिट पोल तक राजस्थान में चार सीटों पर कांग्रेस कुछ मजबूत नजर आ रही है। यहां उसे कुछ उम्मीदें भी दिख रही है। बाड़मेर में भले त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है, लेकिन यहां कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल मजबूत दिख रहे हैं। इसी तरह चूरू में राहुल कस्वां को अपना प्रत्याशी बनाया था। इसके अलावा नागौर गठबंधन के चलते रालोपा की जीत के प्रति कांग्रेस आश्वस्त नजर आ रही है। वहीं जालोर-सिरोही सीट को लेकर कांग्रेस अपने को मजबूत मानकर चल रही है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चुनाव लड़े हैं।
कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा रहेगी दांव पर 1-वैभव गहलोत: ये पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। पहला चुनाव जोधपुर लोकसभा सीट से हार गए थे। अब इस चुनाव में इन्होंने जालोर-सिरोही सीट पर चुनाव लड़ा है। यदि जीतते हैं भाजपा को झटका लगेगा और हारे तो लगातार दो बार हार के चलते राजनैतिक कॅरियर पर असर आएगा।
2-सीपी जोशी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष जोशी पर खुद की सीट के अलावा राजस्थान के सीटों पर कमान रही है। ये लगतार तीसरी बार मैदान में हैं। जीते तो हैट्रिक लगाएंगे। ये चित्तौडगढ़़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
3- डॉ सीपी जोशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भीलवाड़ा सीट से मैदान में हैं। ये कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा है। 4-ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष: भाजपा प्रत्याशी ओम बिड़ला कोटा सीट से चुनाव लड़ा है। हालांकि इनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। ये जीतते हैं तो जीत की हैट्रिक लगाएंगे और मोदी सरकार बनती है कि मजबूत व जिम्मेदारी पद मिलने की उम्मीद है।
5-गजेन्द्र सिंह शेखावत: वर्तमान केन्द्रीय मंत्री हैं। जोधपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है। अशोक गहलोत का क्षेत्र होने के कारण यहां से गहलोत व शेखावत दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ी है। इन्होंने लगतार तीसरी बार चुनाव लड़ा है। दो बार जीते हैं और दोनों बार ही मंत्री बने हैं।
6- अर्जुनराम मेघवाल – वर्तमान केंद्रीय मंत्री है। बीकानेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है। पिछले दो बार से लगातार जीत रहे है और केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय का भी प्रभार संभाला है। 7- कैलाश चौधरी – वर्तमान में केंद्रीय मंत्री है। बाड़मेर से पिछले लोकसभा चुनाव में विजयी होने के बाद कृषि राज्य मंत्री बनाया गया था। दूसरी बार लोकसभा के रण में उतरे हैं। यहां पर कांग्रेस के अलावा एक निर्दलीय विधायक के ताल ठोकने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
8- भूपेन्द्र यादव – वर्तमान में केंद्रीय मंत्री है। अब तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, अब अलवर सीट से लोकसभा चनुाव में अपना भाग्य अजमा रहे है।