बांगड़ ने कहा कि उनकी जड़ें आज भी राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। वे चाहते हैं कि राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा निवेश आए और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने प्रदेश सरकार के कामकाज की सराहना भी की और कुछ सुझाव भी दिए हैं। प्रशांत बांगड़ के पत्रिका से बातचीत के प्रमुख अंश …
Q. राजस्थान में इंडस्ट्री के लिए कितनी संभावनाएं हैं ?
A. राजस्थान में सीमेंट, सौर ऊर्जा सहित कई सेक्टर ऐसे हैं, जहां निवेश की बहुत संभावनाएं है। सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर ही रही है। आज तक सरकार ने हर मामले में मदद की है। छोटी-छोटी चीजों को हल कर दिया जाए तो निवेश आने की गति तेज हो जाएगी।
Q. आपकी या अपेक्षाएं हैं, जिससे प्रदेश में निवेश आए?
A. मेरा यह मानना है कि जो भी एमओयू हुए हैं, यदि उनको धरातल पर उतारने की समय सीमा तय हो जाए तो काफी समस्याएं दूर हो सकती हैं। सरकार यह भी देखे कि उद्योग लगाने के लिए कई छोटी-छोटी अनुमति के लिए भटकना न पड़े। कभी विभागीय तो कभी पर्यावरण क्लीयरेंस के चकर में फाइल की चाल धीमी पड़ जाती है। Q. आप किस सेटर में निवेश को लेकर प्लान बना रहे हैं?
A. हम सीमेंट और सौर ऊर्जा में निवेश का प्लान बना रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार के साथ अब तक 15 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए जा चुके हैं।
जैसलमेर, रास और नागौर में प्लांट लगाने की योजना है। दो साल के अंदर यह एमओयू धरातल पर होंगे। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5 हजार लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
Q. राजस्थान की ऐसी कोई चीज जो आपको यहां उद्योग लगाने के लिए आकर्षित कर रही है?
A. हम तो राजस्थान के ही मूल निवासी हैं। इसलिए उद्योग लगाने के लिए राजस्थान शुरू से ही हमारी प्राथमिकता में रहा है। अब तक हम राजस्थान में 25 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।