यह काम पूरा होने के बाद राजस्थान को छह हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा। इंदिरा गांधी नहर ( indira gandhi canal ) के जरिए यहां 18500 क्यूसेक पानी लाया जा सकता है लेकिन फीडरों की स्थिति सही नहीं होने के कारण करीब 12 हजार क्यूसेक पानी ही आ पा रहा है। उधर, इस मामले में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने हाल ही पंजाब सरकार के संबंधित अफसरों से बात भी की है। बताया जा रहा है कि इस काम में 3 से 4 वर्ष तक का समय लगेगा।
3200 करोड़ से नहर होगी ठीक, बढ़ेगी क्षमता
छह हजार क्यूसेक पानी इंदिरा गांधी नहर में लाने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाने के साथ मौजूदा स्ट्रक्चर को ठीक करने की भी जरूरत है। इसके बिना अतिरिक्त पूरा पानी नहीं लाया जा सकता। इस काम पर करीब 3200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल संसाधन विभाग ने इसमें से करीब 1 हजार करोड़ रुपए के काम के लिए निविदा जारी कर दी है।
छह हजार क्यूसेक पानी इंदिरा गांधी नहर में लाने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाने के साथ मौजूदा स्ट्रक्चर को ठीक करने की भी जरूरत है। इसके बिना अतिरिक्त पूरा पानी नहीं लाया जा सकता। इस काम पर करीब 3200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जल संसाधन विभाग ने इसमें से करीब 1 हजार करोड़ रुपए के काम के लिए निविदा जारी कर दी है।
नहरों की स्थिति ठीक नहीं, पाक जा रहा पानी
राजस्थान और पंजाब में खेतों की सिंचाई करने में काम आ सकने वाला हजारों क्यूसेक पानी पाक की तरफ बह रहा है क्योंकि यहां नहरों और फीडर की स्थिति बहुत ज्यादा सही नहीं है।
राजस्थान और पंजाब में खेतों की सिंचाई करने में काम आ सकने वाला हजारों क्यूसेक पानी पाक की तरफ बह रहा है क्योंकि यहां नहरों और फीडर की स्थिति बहुत ज्यादा सही नहीं है।
यह है स्थिति
– फिरोजपुर फीडर को पंजाब और राजस्थान के किसानों की लाइफ लाइन माना जाता है। इसकी क्षमता 11192 क्यूसेक है लेकिन नहर में 7500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जा सकता।
– फिरोजपुर फीडर को पंजाब और राजस्थान के किसानों की लाइफ लाइन माना जाता है। इसकी क्षमता 11192 क्यूसेक है लेकिन नहर में 7500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जा सकता।
– यही हालत इंदिरा गांधी नहर की है। इसकी मूल क्षमता 18500 क्यूसेक रही लेकिन 12 हजार क्यूसेक ही पानी चल पाता है। – गंगनहर की क्षमता 3000 क्यूसेक है लेकिन यह 2400-2500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं ले पाती। यही कारण अतिरिक्त पानी पाकिस्तान जा रहा है।