अधिकारियों के मुताबिक इंदिरा गांधी नहर परियोजना 28 मार्च से 60 दिनों के लिए बंद रहेगी। इन 60 दिनों में किए जाने वाले कार्यों को लेकर जल संसाधन विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। पाइप लाइन डालने के काम के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। नहर बनने के बाद पहली बार रिलाइनिंग की जाएगी, जिसके लिए 739 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्य नहर की 200 आरडी से 600 आरडी तक करीब 65 किमी तक रिलाइनिंग व बेड निर्माण किया जाएगा। ग्रामीणों के अनुसार हर साल नहर के रख-रखाव के लिए बंद होने पर पीने के पानी का संकट बढ़ जाता है। अधिकारियों के भरसक प्रयास के बावजूद ग्रामीणों को हर साल इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसमें एक महीने पीने के लिए पानी मिलेगा और करीब एक महीने तक पूरा क्लोजर लिया जाएगा।
नहरबंदी खत्म होने तक पीने के पानी के लिए संरक्षित स्रोतों से ही काम चलाना पड़ेगा। जिन जिलों ने समय पर पूरा पानी एकत्र नहीं किया है, वहां परेशानी हो सकती है। हालांकि जलदाय विभाग और जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर ट्यूबवेल से टैंकरों के माध्यम से पेयजल पहुंचाने का प्रबंध किया है।
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