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जयपुर

सुबह छह बजे दरवाजे पर दस्तक, …और हो गया सीनियर आईएएस अधिकारी का खेल खत्म

राजस्थान में एसीबी का बड़ा धमाका, सीनियर आईएएस राजेन्द्र विजय को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दबोचा, जयपुर, कोटा व दौसा स्थित चार ठिकानों पर एसीबी की सर्च

जयपुरOct 02, 2024 / 08:01 pm

pushpendra shekhawat

कोटा संभागीय आयुक्त सीनियर आईएएस राजेन्द्र विजय के लिए बुधवार की सुबह कभी न भूलने वाली रही। राजेन्द्र विजय को कोटा संभागीय आयुक्त का पदभार संभाले अभी सात दिन ही हुए थे। वे यहां सर्किट हाउस के वीआईपी कमरा नंबर एक में ठहरे थे। बुधवार सुबह छह बजे दरवाजे पर दस्तक दी गई, आंखें मसलते हुए जब संभागीय आयुक्त ने दरवाजा खोला तो दंग रह गए। सामने एसीबी की टीम खड़ी थी। उनके खिलाफ बुधवार को आय से अधिक सम्पत्ति मामले में कोटा, जयपुर और दौसा जिले में उनके दफ्तर, घर और अन्य ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की।

एक साथ सर्च कार्रवाई

एसीबी मुख्यालय जयपुर के निर्देश के बाद कोटा में सर्किट हाउस, संभागीय आयुक्त कार्यालय, दौसा जिले के दुग्गी ग्राम स्थित पैतृक निवास, जयपुर में आवास पर सर्च की कार्रवाई अलग-अलग टीमों ने एक साथ शुरू की।

ऐसे आए एसीबी की राडार पर

आईएएस राजेन्द्र विजय ने जयपुर स्थित अशोक मार्ग पर पांच करोड़ रुपए में एक आलीशान शोरूम खरीदा था, तभी वे एसीबी के राडार पर आ गए। एसीबी टीम आईएएस राजेन्द्र विजय की सम्पत्ति की जानकारी जुटाने में लग गई और आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज कर उनके ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की।

भ्रष्टाचार की रकम से जुटाई करोड़ों की सम्पत्ति

एसीबी के डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि आईएएस राजेन्द्र विजय के जयपुर तारों की कूट स्थित लक्ष्मी नगर आवास पर सर्च में 13 आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज मिले, जिनमें टोंक रोड पर आलीशान मकान व अशोक मार्ग पर स्थित एक नामी ब्रांड का शोरूम, जगतपुरा में निर्माणाधीन व्यावसायिक बिल्डिंग भी शामिल है। कैश में 2.22 लाख रुपए, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण, तीन चौपहिया वाहन मिले हैं। इसके अलावा बीमा पॉलिसी में निवेश, एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी लेना शेष है) व 16 बैंक खाते होने की जानकारी मिली है।

सात घंटे कड़ी पूछताछ, किया एपीओ

सीनियर आईएएस अधिकारी राजेन्द्र विजय ने 25 सितम्बर को ही कोटा संभागीय आयुक्त के पद पर ज्वॉइन किया था। अभी वह सरकारी बंगले में शिफ्ट नहीं हुए थे, फिलहाल सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे। वहीं सात घंटे बंद कमरे में कड़ी पूछताछ की। उधर, राज्य सरकार ने आनन-फानन में विजय को एपीओ कर मुख्यालय जयपुर कर दिया है।

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