डेंगू की नहीं होती जांच
बारिश के बाद क्षेत्र में जगह-जगह पानी इकट्ठा रहने से मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि नायला सीएचसी में सीबीसी, मलेरिया स्लाइड की जांच निःशुल्क की जा रही है लेकिन डेंगू की जांच सरकारी अस्पताल में नहीं होने से निजी लैब पर 500 से 1200 रुपए देकर जांच करवानी पड़ रही है। जिससे मरीजों की जेब पर आर्थिक भार पड़ रहा है। यह भी पढ़ें
पांच दिन बाद दूधली सरपंच ने वापस लिया इस्तीफा, संघ की बात मानकर लिया निर्णय
अस्पताल में बेड खाली नहीं
नायला सीएचसी में ओपीड़ी में मरीजों की संख्या बढ़ने से साथ-साथ आईपीड़ी में भी मरीजों संख्या बढ़ रही है। जिसके चलते अस्पताल के महिला व पुरुष वार्ड फुल है, ऐसी स्थिति में एक बेड पर दो मरीजों को लिटाकर उपचार करना पड़ रहा है तो कई जगह मरीजों को बेंच पर लिटाकर उपचार कर रहे है।फॉगिंग हो तो मिले राहत
सरकार द्वारा कस्बा सहित आसपास के गांवों में मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग करवाना चाहिए। इसमें हवा में कीटनाशकों का छिड़काव करवाने से वयस्क मच्छर मर जाते हैं। जिससे मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने और मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। यह भी पढ़ें
बादल छाने से किसान चिंतित, खेतों में जुटे रहे खेतों में कटी पड़ी बाजरे की फसल
फेक्ट फ़ाइल…..
21 सितंबर – 509 मरीज
22 सितंबर – 205 मरीज
23 सितंबर – 507 मरीज
24 सितंबर – 369 मरीज
25 सितंबर – 534 मरीज