हैरिटेज नगर निगम की ओर से शहर में 4 अस्थाई रैन बसरे संचालित किए जा रहे है। निगम प्रशासन ने पिछले साल नवम्बर में ट्रांसपोर्ट नगर पुलिया के नीचे, खासा कोठी पुलिया के नीचे, परमान्द हॉल सहकार मार्ग पर और हसनपुरा पुलिया के नीचे अस्थाई रैन बसेरे शुरू किए थे। इन सभी रैन बसेरों में करीब 280 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई, लेकिन सर्दी बढ़ने लगी तो ये रैन बसेरे कम पड़ने लगे। ऐसे में निगम प्रशासन ने अब सर्दी के अंतिम दौर में इन अस्थाई आश्रय स्थलों की क्षमता बढ़ाना शुरू कर दिया है। अभी सिर्फ दो ही आश्रय स्थलों की क्षमता बढाई गई है। जिससे करीब 70 लोगों केा और रात में आश्रय मिल सकेगा।
सर्दी को देखते हुए बढाई क्षमता
निगम आयुक्त विश्राम मीणा ने बताया कि अत्यधिक सर्दी और शीतलहर को देखते हुए बेघर लोगों के लिए रात्रि विश्राम के लिए बनाए गए रैन बसेरों की क्षमता बढ़ाई गई है। ट्रांसपोर्ट नगर पुलिया के नीचे पहले में स्वीकृत क्षमता 80 के स्थान पर 100 कर दी गई है। खासा कोठी पुलिया के नीचे पूर्व में स्वीकृत क्षमता 100 के स्थान पर 150 व्यक्तियों की क्षमता कर दी है।
कहां कितने लोगों के ठहरने की क्षमता
अस्थाई रैन बसेरे — लोगों के ठहरने की क्षमता
ट्रांसपोर्ट नगर पुलिया के नीचे — 100
खासा कोठी पुलिया के नीचे — 150
परमान्द हॉल सहकार मार्ग — 50
हसनपुरा पुलिया के नीचे — 50
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स्थाई आश्रय स्थलों में भी ठहर रहे लोग
हेरिटेज निगम ने शहर में 6 जगहों पर स्थायी आश्रय स्थल भी बना रखे है, जहां पर लोगों को रात में ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। इनमें शहीद भगत सिंह पार्क आदर्श नगर में 30 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। रेलवे स्टेशन के पास बने स्थाई आश्रय स्थल में 70 लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर रखी है। वहीं दूध मण्डी, पानीपेच तिराहा पर बने आश्रय स्थल में 50 लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर रखी है। जबकि विद्याधर नगर जोन कार्यालय के पुराना भवन आश्रय स्थल, हटवाडा स्थित वृद्धाश्रम आश्रय स्थल और गोविन्ददेवजी मन्दिर के पास बने आश्रय स्थल में 40—40 लोगों के ठहरने की व्यवस्था कर रखी है।