अशोक गहलोत ने सरकार पर साधा निशाना
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि मध्य प्रदेश में ED के अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर एक व्यापारी दंपत्ति द्वारा सुसाइड बेहद चिंतित करने वाली है। सुसाइड नोट में व्यापारी ने लिखा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में इनके बच्चों द्वारा शामिल होने एवं अपनी गुल्लक उन्हें देने के बाद से ही उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि केन्द्र सरकार संसद में संविधान पर चर्चा करते हुए बड़ी-बड़ी बात कर रही है और दूसरी तरफ आम लोगों को जांच एजेसिंयों द्वारा विपक्षी पार्टी का समर्थन करने पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने जैसी बातें सामने आ रही हैं। ED क्या अब सीधे ही भाजपा के लिए काम करने लग गई है?
कहा कि, इस घटना से लगता है कि सरकार केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से आम नागरिकों में डर का माहौल पैदा करना चाहती है। ऐसी घटनाएं इतिहास में हुईं तानाशाही की घटनाओं की याद दिलाती हैं जहां आम जनता का सरकार का विरोध करने पर ही सेना, पुलिस, इंटेलिजेंस और तमाम सरकारी एजेसिंयों द्वारा दमन किया गया था। देश की जनता को सोचना चाहिए कि ऐसी घटनाओं के बाद देश में लोकतंत्र का क्या भविष्य रहेगा?
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दंपति ने सुसाइड नोट में किया ये दावा
गौरतलब है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक देने वाले बच्चों के बिजनेसमैन पिता मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। सीहोर के आष्टा में शांति नगर के रहने वाले दंपति के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने सुसाइड का कारण बताया। इसके मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 दिसंबर को मनोज परमार के घर पर छापा मारा था। खबरों के मुताबिक 4 पन्नों के सुसाइड नोट में दंपति ने लिखा कि एक पुराने 6 करोड़ के फ्रॉड केस में ईडी की ओर से उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है। दावा किया गया है कि ईडी की टीम ने उसके घर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की तस्वीर देखी, जिसके बाद एक अधिकारी ने उसे बताया कि छापेमारी का कारण यही है।