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जयपुर

राजस्थान में यहां बजरी खनन की छूट, बनास पर फैसला आते ही 800 खानों की नीलामी

दो माह पहले बहस हो चुकी पूरी, अब सिर्फ फैसले का इंतजार…

जयपुरJan 04, 2019 / 02:09 pm

dinesh

– सुनील सिंह सिसोदिया
जयपुर। प्रदेश में सालभर से बंद बजरी खनन अब जल्द चालू हो सकता है। बीकानेर व नागौर में करीब 62 खानें चालू करने की तो राज्य सरकार ने स्वीकृति जारी कर दी है। शुक्रवार तक आदेश जारी होंगे। वहीं बनास सहित अन्य नदियों में बजरी खनन के लिए पहले दी गई 82 खानों पर हाइकोर्ट के फैसले का इंतजार है। बहस करीब दो माह पहले पूरी हो चुकी है। यदि फैसला सरकार के पक्ष में आया तो पहले ही चरण में 800 बजरी खानों की तुरंत नीलामी होगी। ऐसे में नवंबर 2017 से बंजरी संकट से जूझ रही प्रदेश की जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
 

हाईकोर्ट के फैसले पर बीकानेर और नागौर में बंद की गई 62 खानों को चालू करने को लेकर नवंबर 2018 में सरकार के पक्ष में फैसला आ गया था। लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार दोनों जिलों में बजरी खनन चालू नहीं करा सकी। इसे अब खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने हरी झण्डी दे दी है। बीकानेर में सभी बजरी खानें खातेदारी भूमि पर हैं।
 

ऐसे होती गई बंद
16 नवंबर 2018 – बनास सहित अन्य नदियों में बजरी खनन हुआ बंद 3 मई 2018
नागौर में बजरी खनन बंद 29 मई 2012
बीकानेर में बजरी खनन बंद
 

ये था मामला…
खान विभाग ने 5 साल से चल रही 82 बजरी खानों की अवधि 31 मार्च 2018 को समाप्त कर नई खानों की नीलामी की तैयारी की थी। लेकिन खान मालिक न्यायालय में चल गए थे। कहा गया था कि उनकी खानों को पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से कानूनी रूप से संचालन शुरू नहीं हुआ, फिर 5 साल की अवधि खत्म कैसे हो सकती है। अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलाना सरकार का काम था।
 

बजरी माफिया और पुलिस की हुई मौज…
बजरी बंद होने के बाद प्रदेश में तेजी से बजरी माफिया पनपा है। राज्यभर में बड़े स्तर पर अवैध रूप से बजरी खनन हो रहा है। इस अवैध कारोबार में पुलिस की भी मौज हो रही है। टोंक की बनास नदी से अवैध रूप से बजरी जयपुर सहित अन्य शहरों में पहुंच रही है। खास बात यह है कि यह वाहन पुलिस थानों के सामने से गुजर रहे हैं। लेकिन कार्रवाई दिखावे के रूप में कुछ ही वाहनों पर हो रही है। दूसरी ओर माफिया खान विभाग के अधिकारी और आमजन को वाहनों के नीचे रौंद रहे हैं।
 

प्रदेश के विकास कार्य अवरुद्ध
बजरी बंद होने के बाद से प्रदेश के विकास अवरूद्ध हो गया था। सरकारी प्रोजेक्ट्स से साथ ही लोगों के लिए मकान-दुकान बनाना भी मुश्किल हो गया था। हालांकि कुछ माह से कुछ प्रोजेक्ट्स को पत्थर पीसकर तैयार की जा रही बजरी से चालू किया गया था। लेकिन मकानों में यह बजरी प्रचलन में कम ही आई।
 

रिप्लेसमेंट स्टडी रिपोर्ट भी तैयार…
नदियों में बजरी आने और निकासी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट नहीं सौंपने तक बजरी खनन राज्य में बंद करने के लिए कहा गया था। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक नदियों में बजरी आने व निकासी को लेकर ‘रिप्लेसमेंट स्टडी रिपोर्ट‘ विभाग तैयार कर चुका है। यह रिपोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट में जल्द पेश होगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगी बजरी खनन पर रोक भी हटने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
 

800 बजरी प्लाट चिन्हित
बजरी खानों की नीलामी को खान विभाग ने राज्यभर में 800 प्लाट चिन्हित कर लिए हैं। बजरी पर मुठ्ठीभर लोगों का एकाधिकार खत्म कर ज्यादा लोगों को काम सौंपने के लिए 100 हैक्टेयर से छोटे प्लाट बनाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो पहले चरण में 800 बजरी खानों की नीलामी करने के बाद और खानों की नीलामी प्लाट चिन्हित कर की जाएगी। प्लाट छोटे होने के चलते पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र भी राज्य सरकार के स्तर पर जारी हो जाएंगे। ऐसे में नीलामी के बाद जल्द राज्य में बजरी खनन चालू हो सकेगा।

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