प्रेम विवाह किया तो डरना क्या…? ऐसे जोड़ों को अब न तो पंचायत से डरने की आवश्यकता है और न ही दूसरे फरमानों से। उनकी सुरक्षा में अब खाकी खड़ी हो गई है। परिवार से बे-परवाह होकर शादी करने वाले जोड़ों की सुरक्षा के लिए जयपुर में पुलिस के नोडल अधिकारी की नियुक्ति की है। खतरे की फरियाद लेकर पहुंचे ऐसे सात जोड़ों को पिछले दो माह में पुलिस की ओर से सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई गई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई नियुक्ति
प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति राजस्थान उच्च न्यायालय के वर्ष 2019 के एक आदेश के तहत की गई है। इसके तहत डीआईजी स्वेता धनखड़ को राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी व अपराध शाखा की एएसपी वनीता शर्मा को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। पिछले दो माह में जोधपुर से दो, चूरू से एक सहित सात जोड़े यहां शादी के बाद सुरक्षा मांगने पहुंचे हैं।
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लगातार बढ़ रहे हैं इस तरह के मामले
प्रेम विवाह के मामले प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं। जयपुर शहर में ही औसतन हर माह एक दर्जन इस तरह की शादियां होती हैं। इनमें से अधिकतर आर्य समाज में या रजिस्टर्ड मैरिज करते हैं। ऐसे मामलों में युवक या युवती के परिजन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा देते हैं। कई बार युवती को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए याचिका भी दाखिल कर दी जाती है। बाद में पुलिस उन्हें दस्तयाब करती है। इस बीच परिजन की ओर से धमकी आम है। साथ ही हमले और ऑनर किलिंग की वारदात भी बढ़ जाती है।
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प्रेम विवाह के साथ बढ़ रही है धोखेबाजी
घर से भागकर प्रेम विवाह करने वालों की सुरक्षा के लिए सरकार ने जवाबदेही तय कर दी, लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि शादी का झांसा देकर देहशोषण व बलात्कार के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जयपुर शहर में पिछले चार माह में बलात्कार के 146 मामले दर्ज हुए है, जिनमें साठ फीसदी मामलों में शादी का झांसा देकर बलात्कार की बात सामने आई है।
प्रेम विवाह करने वालों की सुरक्षा करना पुलिस का जिम्मा है। पिछले दो माह में ऐसे सात जोड़ों को सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है।
वनीता शर्मा, एएसपी अपराध शाखा, सहायक नोडल अधिकारी