उनका कहना है कि फिलहाल राज्य सरकार से ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। हालांकि जनसुनवाई केन्द्र के लिए दो सरकारी आवासों का आवंटन भी हो गया है। इन्हें संबंधित अधिकारियों से खाली भी करा लिया है। जनसुनवाई केन्द्र में मिनी सीएमओ के समान सुविधाएं रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके समर्थक व जुड़े लोग समस्या का समाधान नहीं होने पर जयपुर जाते हैं। साथ ही समय के अभाव में मुलाकात करना भी असंभव हो जाता है। साथ ही समस्या निराकरण को लेकर आमजन को भी उनसे उम्मीद है। इसलिए शहर में ही एक जनसुनवाई केन्द्र खोला जा रहा है, जहां परिवाद देने के बाद उनकी सुनवाई की जा सकेगी।
यहां खुलेगा केंद्र
भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही भरतपुर में मिनी सीएमओ की तर्ज पर कार्यालय खोलने की कवायद शुरू कर दी गई थी। अब एमएसजे कॉलेज खेल मैदान के सामने आईजी ऑफिस के पास पीडब्ल्यूडी का एक तथा नगर सुधार न्यास का एक सहित दो आवासों का चयन किया गया है। इनके आवागमन को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है। ताकि एक आवास में परिवादी बैठ सकें। वहीं दूसरे आवास में जनसुनवाई की जा सकेगी। करीब एक हजार लोगों के एक साथ जनसुनवाई की व्यवस्था की गई है। आवासों में रंग-रोगन एवं टिन शैड आदि का काम तेज हो गया है।
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सीएमओ से जुड़ा रहेगा ऑफिस
बताते हैं कि भरतपुर में प्रस्तावित जनसुनवाई केन्द्र को सीएमओ से जोड़कर रखा जाएगा। ताकि यहां आने वाले जिन परिवादों पर निस्तारण स्थानीय स्तर पर होना है, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही निस्तारित कराया जा सके। बाकी जिन परिवादों का निस्तारण मुख्यालय स्तर पर होना है, उन्हें वहां से निस्तारण के लिए भेजा जाएगा। हालांकि फिलहाल सिर्फ स्थानीय प्रशासन को जनसुनवाई केन्द्र व करीब 1000-500 परिवादियों के लिहाज व्यवस्था करने को कहा गया है।