भीलवाड़ा- मक्का हब बनने की राह खुले
भीलवाड़ा और शाहपुरा जिला मक्का उत्पादन में अव्वल हैं, प्रोसेसिंग इकाइयां नहीं होने से मक्का को राज्य से बाहर भेजना पड़ता है। भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा हाईब्रिड मक्का का उत्पादन होता है। यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट के साथ इथेनॉल प्लांट की जरूरत है। इससे चित्तौड़गढ़ और शाहपुरा जिले को भी लाभ मिलेगा। खाड़ी देशों में भीलवाड़ा की मक्का के उत्पादों की मांग है। अभी यहां का मक्का गुजरात के गांधीधाम से पैक होकर खाड़ी देशों और कनाडा जा रहा है। यह भी पढ़ें
राइजिंग राजस्थान को लेकर CM भजनलाल की पत्रिका से विशेष बातचीत, कहा- पांच साल में अर्थव्यवस्था होगी 30 लाख करोड़
झालावाड़- सोयाबीन पैदावार, उत्पाद को प्लांट की जरूरत
झालावाड़ जिले में हर साल करीब 20 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन होता है। इसके बाद भी झालावाड़ में इसके प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से इसके उत्पाद यहां तैयार नहीं हो पाते हैं। सोया मिल्क, सोया पनीर, सोया आटा और सोया तेल की यूनिट लग जाए तो यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे जिले की समृद्धि बढ़ेगी। यह भी पढ़ें