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जयपुर

मन चंगा ढूंढाड़ में गंगा: कई दशकों बाद एक महीने से बह रही ढूंढ नदी

जयपुर-आगरा हाईवे पर कानोता से निकलने के बाद के नदी के लिए पूरा लंबा क्षेत्र है। हिंगोनिया, सिंदौली, सांख, बिसनसिहंपुरा, सांभरिया में पूरी रपट पर पानी का बहाव है।

जयपुरSep 27, 2024 / 12:37 pm

Santosh Trivedi

कुलदीप शर्मा
जयपुर समेत आसपास का क्षेत्र जो ढूंढाड़ के नाम से प्रसिद्ध है, इसकी प्रसिद्ध नदी ढूंढ कई दशकों बाद एक महीने से लगातार बह रही है। लाखों-करोड़ों लीटर बेहिसाब जलराशि बहते बहते निकल रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए जिम्मेदारों द्वारा कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए। जहां कई बांध, एनिकट बनाए गए हैं वहीं यहां पानी रोकने के लिए कुछ नहीं किया गया। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से कानोता से लेकर हिंगोनिया, सिंदौली, सांख, बिसनसिंहपुरा, सांभरिया में ढूंढ नदी के किनारे ऐसे तालाब बनाए जाएं जो नदी के पानी से भरें तो सालभर तक पानी नसीब हो सकता है। जमीन के भीतर उतरे इस पानी से आसपास की भूमि रिचार्ज जरूर हुई है।

नदी कहीं संकरी तो कहीं चौड़ी

जयपुर-आगरा हाईवे पर कानोता से निकलने के बाद के नदी के लिए पूरा लंबा क्षेत्र है। हिंगोनिया, सिंदौली, सांख, बिसनसिहंपुरा, सांभरिया में पूरी रपट पर पानी का बहाव है। आगे चाकसू तक पूरी चौड़ाई मिलने से नदी का बहाव अभी रपट के नीचे चल रहा है।
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उम्मीदेंः इन पर हो काम

  • बिशनसिंहपुरा में नदी किनारे ग्रामीणों के प्रयास से बचाए हुए बांध को पक्का बनाकर यहां पर्यटन विकसित किया जा सकता है।
  • ढूंढ के बहाव क्षेत्र के किनारे वनस्पति लगाने की योजना बनाई जाए।
  • ढूंढ नदी में फैक्टि्रयों से निकलने वाला रासायनिक पानी बंद कर दिया जाए तो क्षेत्र के लोगों को निश्चित रूप से शुद्ध पानी फसल के लिए मिल सकता है।

विकास योजना बने

ढूंढ नदी के विकास को लेकर योजना बनाने की दरकार है। इसके लिए जिम्मेदारों द्वारा एक प्रोजेक्ट बनाया जाए। नदी के बहाव क्षेत्र में छोटे बांध एनीकट और पौधारोपण समेत अन्य योजनाएं विकसित की जाए जिससे क्षेत्र का प्राकृतिक स्वरूप और नदी का बहाव लगातार बना रहें।
  • ढूंढ नदी बहाव क्षेत्र में ढूंढ कॉरिडोर बनाया जा सकता है। बस्सी विधानसभा क्षेत्र में ढूंढ नदी राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजर रही है। वहीं कई ग्राम पंचायतों में आबादी के नजदीक से होकर गुजर रही है।
  • ऐसे में अहमदाबाद के साबरमती की तर्ज पर ही यहां पर ढूंढ कॉरिडोर बनाकर कानोता से सिंदौली, सांख, बिसनसिहंपुरा, सांभरिया तक इसका विकास हों तो क्षेत्र को राज्य स्तर पर पहचान मिल सकती है।
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…तो आगामी वर्षों में कच्चे बांधों को देंगे मजबूती

ढूंढ नदी में कई वर्षों बाद बहाव बना है, ऐसे में तत्काल कोई कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हो सकता है, नदी का बहाव अगर आगामी वर्ष में भी बना रहता है तो ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए कच्चे बांधों को विभाग द्वारा मजबूती प्रदान कराई जाएगी।
अनिल, एक्सईएन, जल संसाधन विभाग

प्रस्ताव भिजवाया जाएगा

जल संसाधन विभाग से नदी क्षेत्र की तकनीकी समीक्षा करवाकर फिजूल बह रहें ढूंढ नदी के अनमोल जल के उपयोग के लिए प्रस्ताव सरकार को भिजवाया जाएगा।

ओम प्रकाश मीणा, उपखंड अधिकारी, बस्सी

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